नई दिल्ली। केंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति ‘‘बद से बदतर हो रही है’’ और यह खास तौर पर कुछ राज्यों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। केंद्र ने कहा कि पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।सरकार ने कहा कि कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से हैं और दिल्ली भी एक जिले के रूप में इस सूची में शामिल है।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि जिन दस जिलों में सर्वाधिक उपचाराधीन मामले हैं, उनमें पुणे, मुंबई, नागपुर, ठाणे, नासिक, औरंगाबाद, बेंगलुरु नगरीय, नांदेड़, दिल्ली और अहमदनगर शामिल हैं। भूषण ने कहा कि तकनीकी रूप से दिल्ली में कई जिले हैं, लेकिन इसे एक जिले के रूप में लिया गया है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, ‘‘कोविड-19 संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है। पिछले कुछ सप्ताह में, खासकर कुछ राज्यों में, यह एक बड़ी चिंता विषय है। किसी भी राज्य, देश के किसी भी हिस्से या जिले को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, ‘‘हम काफी अधिक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, निश्चित तौर पर कुछ जिलों में, लेकिन पूरा देश जोखिम में है, इसलिए रोकने (संक्रमण के प्रसार को) और जीवन बचाने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।” पॉल ने कहा, ‘‘अस्पताल और आईसीयू संबंधी तैयारियां तैयार रहनी चाहिए। यदि मामले तेजी से बढ़े तो स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली चरमरा जाएगी।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश मे बहुत लोगों को लगता है कि कोविड वायरस के खिलाफ वैक्सीन आ गयी है। अब सब ठीक हो गया है यानी लोग कोरोना को अब गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। लोग कोविड-19 को हल्के में ले रहे हैं। सुपर स्प्रेडर इवेन्ट्स हो रहे हैं।
इधर, दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते कुछ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर बेड्स की किल्लत हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कहा है ‘ दिल्ली में बेड की उपलब्धता की समीक्षा की जाएगी और बेड्स का इंतज़ाम किया जाएगा।’