@नई दिल्ली शब्ददूत ब्यूरो
तीन नए कृषि कानून के खिलाफ पिछले करीब चार महीनों से आंदोलन पर बैठे किसान अब चुनावी राज्यों में भाजपा का खेल बिगाड़ने की जुगत में जुट गए हैं। आंदोलनरत किसानों के नारों की आवाज पश्चिम बंगाल के सियासी नारों के बीच सुनाई दी।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्नवान पर किसानों ने अहम चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में महापंचायत की। इस महापंचायत के लिए राज्य की सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली नंदीग्राम को चुना गया, जिसके अपने राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। किसानों की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत ने महापंचायत में शामिल होते हुए बीजेपी के खिलाफ प्रचार किया। उन्होंने कहा कि अगला टारगेट संसद पर फसल बेचने का है। टिकैत के अनुसार किसानों के ट्रैक्टर को कोई नहीं रोक सकता है। सरकार ने पूरे देश को लूटा है इसलिए जनता अपने बंगाल को बचाए।
बता दें कि राकेश टिकैत जब कोलकाता पहुंचे तो तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की। इसके बाद टिकैत ने शहर में और पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ किसानों को संबोधित किया। टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार किसानों और उनके आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘जन-विरोधी” सरकार है।
राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘भाजपा को वोट मत देना। अगर उन्हें वोट दिया गया तो वे आपकी जमीन बड़े कॉर्पोरेट्स और उद्योगों को दे देंगे और आपको भूमिहीन बना देंगे। वे आपकी आजीविका दांव पर लगाकर देश के बड़े उद्योगपति समूहों को जमीन सौंप देंगे और आपको खतरे में डाल देंगे।”
टिकैत ने भाजपा को ‘‘धोखेबाजों की पार्टी” कहते हुए कहा, ‘‘हम भाजपा का विरोध करने वालों और किसानों तथा गरीबों के साथ खड़े होने वालों के पाले में रहेंगे।” हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में किसान महापंचायत का मतलब राज्य में किसी विशेष गैर-भाजपा पार्टी को समर्थन देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां किसी विशेष पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए नहीं आया हूं। हम यहां बंगाल में किसानों की ओर से भाजपा के खिलाफ लड़ाई शुरू करने के लिए अपील कर रहे हैं।”