गाजियाबाद । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष वयोवृद्घ तारा गांधी भट्टाचार्य आज किसान आंदोलन को समर्थन देने उनके बीच पहुंचीं। गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच कर उन्होंने किसान आंदोलन कारियों से कहा कि वह किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं उस किसान के लिए आई हैं जिन्होंने हमें जिंदगी भर खिलाया।
तारा गांधी ने किसानों से कहा कि आपकी वजह से हम जिंदा हैं। किसान के हित में ही देश और हमारा हित है। किसान आंदोलन स्थल पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने उनका शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।
तारा गांधी ने कहा कि यह क्रांति की धरती है। बता दें कि देश की आजादी के लिए पहली क्रांति 1857 में मेरठ से ही हुई थी। बापू की पोती ने कहा कि इतने दिनों से चल रहा किसानों का आंदोलन अदभुत है। वयोवृद्ध अवस्था में यहां आपके (किसानों) लिए प्रार्थना करने आई हूं। मैं चाहती हूं कि जो भी हो, जैसे भी हो, किसानों का भला होना चाहिए। किसानों की तपस्या किसी से छिपी नहीं है और यह बात भी किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि किसान हित में ही देश का हित है और देश का हित, हम सबका हित है। इसलिए सरकार किसानों के हितों का ध्यान रखे और इतने दिनों से दिल्ली की दहलीज पर पड़े अन्नदाताओं की सुध लें।
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को हिंसा की भाषा की आवश्यकता नहीं है। सत्य शांत रहकर भी खुद ही बोलता है। तारा गांधी ने कहा कि आज गाजीपुर बार्डर आकर मेरा जीवन सफल हो गया। उन्होंने अन्ना हजारे से भी किसान आंदोलन में आने को कहा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर चल रहे मंच से आंदोलनकारियों ने तारा गांधी को बड़े ध्यान से सुना।