नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा में अब तक 22 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। दिल्ली पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। वहीं 26 जनवरी को पूरे दिन चले इस घटनाक्रम में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। रैली के रूट से हटकर उग्र होकर लाल किले में पहुंचे सभी प्रदर्शनकारियों को किले से बाहर निकाल दिया गया है और पूरे किले में भारी फोर्स की तैनाती की गई है। लाल किला मेट्रो स्टेशन पर प्रवेश को बंद कर दिया गया है, हालांकि, निकासी की अनुमति है। बाकी मेट्रो स्टेशनों पर सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं।
दिल्ली पुलिस के अनुसार ज्यादातर मुकरबा चौक, गाज़ीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई टी पॉइंट, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर हुई हिंसा के मामले 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और आठ बसों सहित 17 निजी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है। गाज़ीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स भी तोड़े थे।
पुलिस ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली पुलिस के साथ कई बैठकें की थीं और आश्वासन दिया था कि प्रस्तावित योजना के तहत शांतिपूर्ण रैली निकाली जाएगी। लेकिन सुबह रैली शुरू होने के बहुत पहले- सुबह 8 बजे से ही बवाल शुरू हो गया। पुलिस के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर सुबह साढ़े आठ बजे तक कम से कम 6,000 से 7,000 ट्रैक्टर इकट्ठा हुए थे और तय किए गए रूट की बजाय सेंट्रल दिल्ली में जाने देने की मांग कर रहे थे।
पुलिस के बयान में कहा गया है, ‘दिल्ली पुलिस के मनाने के बावजूद, घोड़ों पर निहंगो, जो तलवार, कृपाण और फरसा वगैरह से सुसज्जित थे, उनके नेतृत्व में किसान पुलिस पर हावी हो गए और कई लाइनों की बैरिकेडिंग तोड़ दी, जो मुबरका चौक और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच में लगाए गए थे।’ पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि आईटीओ में- जहां पुलिस का हेडक्वार्टर है- वहां गाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर से किसानों का बड़ा समूह आया था और नई दिल्ली की ओर जाने की कोशिश कर रहा था। यहां उन्हें रोका गया तो हिंसा शुरू हो गई।
पुलिस ने आगे कहा कि ‘किसान हिंसक हो गए और बैरिकेडिंग तोड़ दी, लोहे की छड़ों को नुकसान पहुंचाया। यहां तक कि बैरिकेडिंग पर तैनात पुलिसकर्मियों पर उन्होंने गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की और फोर्स बुलाने के बाद हालात काबू में किए जा सके।’ पुलिस ने कहा कि इसके बाद किसान लाल किला की ओर बढ़ गए।