हिन्दू महासभा ने ग्वालियर ऑफिस में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर लाइब्रेरी खोली थी। बाद में पुलिस ने इसे बंद करवा दिया और किताबें भी जब्त कर लीं। कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने यह कार्रवाई की है। हिंदू महासभा की ‘गोडसे ज्ञानशाला’ को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और सोशल मीडिया पर ही हंगामा हो रहा था। इसे देखते हुए ग्वालियर के सुपरिंटेंडेंट अमित सांघी ने धारा 144 लागू कर दी थी।
सांघी ने कहा, ‘हिंदू महासभा के सदस्यों के साथ एक बैठक हुई थी और इसके बाद ज्ञानशाला को बंद कर दिया गया। साहित्य, पोस्टर औऱ अन्य सामग्री जब्त कर ली गई है।’ हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष जैवीर भारद्वाज ने बताया कि गोडसे के जीवन से जुड़े साहित्यों के अलावा इस ज्ञानशाला में लेक्चर भी होने थे। इन संभाषणों में गोडसे की जीवन यात्रा और बंटवारे को रोकने में गांधी जी की विफलता के बारे में बात होती। उन्होंने कहा, ‘मेरा मक़सद था ज्यादा से ज्यादा लोगों तक संदेश पहुंचाना और वह पूरा हो गया है। हम किसी तरह कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहते थे इसीलिए लाइब्रेरी को बंद कर दिया गया।’
साल 2017 में हिंदू महासभा ने गोडसे की मूर्ति भी लगवाई थी जहां पूजा-अर्चना होनी थी। इसे कुछ दिन बाद ही हटा दिया गया था और महासभा के कुछ सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। हालांकि इस बार कोई केस नहीं दर्ज किया गया है।
विपक्षी कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह एक एफआईआर दर्ज करवाने में भी विफल रही। पार्टी प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, ‘अगर बीजेपी सरकार किसी से नहीं सहमत है तो उसे देश का शत्रु कहती है लेकिन राष्ट्रपिता का अपमान करने वालों के खिलाफ एक एफआईआर भी नहीं दर्ज करवा सकी।’
एसपी सांघी ने कहा, ‘2017 में लगाई गई मूर्ति के मामले में एमपी फ्रीडम ऑफ रिलीजन ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस बार भी मूर्ति लगाने की बात चल रही थी लेकिन उससे पहले ही लाइब्रेरी को बंद करवा दिया गया। अगर कुछ भी गलत किया जाता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।’