@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो
ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए प्रकार ने दुनियाभर के लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है। जहां कुछ दिन पहले तक लोग वैक्सीन के आने की खुशी मना रहे थे, तो वहीं अब ये चिंता सताने लगी है कि वायरस के इस नए प्रकार से कैसे निपटा जाए। हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि कोरोना का यह नया प्रकार पहले की अपेक्षा 70 फीसदी अधिक संक्रामक हो सकता है। हालांकि इस बात के अभी तक कोई सबूत नहीं मिले हैं कि संक्रामक होने के साथ-साथ यह ज्यादा घातक भी है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इससे जुड़े खतरे को लेकर एक अहम बात कही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन प्रमुख माइकल रायन ने कहा कि इस महामारी के फैलाव के दौरान नए स्ट्रेन (प्रकार) का मिलना सामान्य बात है और यह नया प्रकार ‘बेकाबू’ नहीं है जबकि ठीक इसके उलट दो दिन पूर्व ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने वायरस के इस नए प्रकार के लिए ‘बेकाबू’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जिससे चिंताएं काफी बढ़ गई थीं।
माइकल रायन ने कहा, ‘वर्तमान में हमारे पास जो उपाय हैं, वे सही उपाय हैं। हमें वहीं करने की जरूरत है जो हम कर रहे हैं, बस हमें इसे थोड़ी अधिक तीव्रता के साथ करना होगा और थोड़ी देर के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इस वायरस को नियंत्रण में ला सकते हैं।’
कोरोना के इस नए स्ट्रेन (प्रकार) के फैलाव को रोकने की कोशिश में 40 से ज्यादा देशों ने ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी है, जिसमें भारत समेत फ्रांस, ईरान और कनाडा जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा सऊदी अरब, कुवैत और ओमान ने भी अपनी-अपनी सीमाओं को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है।
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन ब्रिटेन के अलावा डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, इटली और नीदरलैंड्स में भी पाया गया है। कई देश तो दक्षिण अफ्रीका से आने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां भी वायरस का एक दूसरा नया स्ट्रेन (प्रकार) मिला है, जो ब्रिटेन में मिले स्ट्रेन से अलग है।