नई दिल्ली। दिल्ली में तीस हजारी मेट्रो और कश्मीरी गेट से लगी रेलवे कॉलोनी की बेशकीमती जमीन को केंद्र सरकार अब प्राइवेट कंपनियों को लीज पर देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन बिड जारी किया है। ऑनलाइन बिड की अंतिम तारीख 27 जनवरी है। ये जमीन करीब 21800 स्क्वायर मीटर है जो मध्य दिल्ली की सबसे बेशकीमती जमीन मानी जा रही है। फिलहाल 393 करोड़ इसकी रिजर्व प्राइज रखी गई है।
इस जमीन पर पीपीपी मॉडल के तहत पांच साल में कॉलोनी से लेकर मॉल और दुकानें बनानी हैं। रेलवे की खाली पड़ी जमीन को विकसित करने के लिए रेल भूमि विकास प्राधिकरण यानि रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाई गई थी जो पूरे देश के 84 रेलवे कॉलोनियों को इसी तर्ज पर विकसित करने का इरादा रखता है। अथॉरिटी के उपाध्यक्ष वेदप्रकाश डुडेजा ने बताया कि नई दिल्ली, गोमती नगर, देहरादून समेत कई शहरों की रेलवे की जमीनों को विकसित करने का काम चल रहा है।
पिछले महीने रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने वाराणसी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत वसुंधरा लोको रेलवे कॉलोनी के पुनर्विकास के लिए ऑनलाइन बिड आमंत्रित किया था। इस योजना के तहत कुल भूमि 2.5 हेक्टेयर रखी गई है, जहां 1.5 हेक्टेयर में रेलवे कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स विकसित करने की योजना है। आरएलडीए ने इस परियोजना के लिए लीज अवधि 45 साल निर्धारित की थी और रिजर्व प्राइस मात्र 24 करोड़ रुपये रखी थी।