मुंबई। शिवसेना ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के मामले में भाजपा की आलोचना के जवाब में पलटवार किया है। भाजपा ने इसे काला दिन और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया था। शिवसेना ने मुखपत्र सामना में आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने अर्नब गोस्वामी को अन्वय नाइक की आत्महत्या के मामले में बचाने के लिए लीपापोती की कोशिश की।
शिवसेना ने कहा, यह आश्चर्यजनक है कि गोस्वामी की गिरफ्तारी के मामले को केंद्र के मंत्री और महाराष्ट्र में भाजपा के नेता आपातकाल जैसी स्थिति बता रहे हैं। गोस्वामी को मुंबई स्थित उनके घर से इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शिवसेना ने कहा, पिछली राज्य सरकारों ने गोस्वामी को इस मामले में बचाने का प्रयास किया। पार्टी ने याद दिलाया कि राज्य सरकार के खिलाफ लिखने के कारण गुजरात में एक पत्रकार को गिरफ्तार किया गया था।जबकि उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की हत्या हो गई थी।
सामना में पार्टी ने लिखा, ”कोई भी इन मामलों को आपातकाल की याद नहीं दिला सकता। वास्तव में महाराष्ट्र में भाजपा के नेताओं को अन्वय नाइक को न्याय की मांग करनी चाहिए। अपनी बीमार मां के साथ एक बेकसूर व्यक्ति खुदकुशी कर दुनिया छोड़ गया। मृत व्यक्ति की पत्नी न्याय की मांग कर रही है और पुलिस सिर्फ कानून का पालन कर रही है।” पार्टी ने कहा, ”इसमें लोकतंत्र पर हमले का सवाल कहां उठता है। जो लोग ऐसी बात कर रहे हैं वे वास्तव में लोकतंत्र के पहले स्तंभ को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री समेत सभी व्यक्ति कानून के सामने बराबर हैं।”