नई दिल्ली। महामारी कोविड-19 से चरमराई अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता के बीच मांग और उनकी खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय ने कुछ प्रस्ताव पेश किए हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बाजार में उपभोक्ताओं के पैसे डालने के लिए कैश वाउचर स्कीम और स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम वगैरह की घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सप्लाई थोड़ी सामान्य हुई है लेकिन उपभोक्ताओं की मांग अभी भी प्रभावित है। उन्होंने कहा कि ‘कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। लेकिन सरकार ने गरीब और कमजोर तबके की जरूरतों को लेकर आत्मनिर्भर भारत पैकेज में कदम उठाए हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘डिमांड को विवेकपूर्ण तरीके से बढ़ाने के लिए तैयार किए गए ये प्रस्ताव पेश किए जा रहे हैं। कुछ प्रस्ताव खर्च क्षमता को बढ़ाने के लिए हैं तो कुछ सीधे-सीधे जीडीपी में बढ़ोतरी के लिए हैं।’ उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था में डिमांड को बढ़ाने के लिए आज जो प्रस्ताव पेश किए जा रहे हैं, वो दो वर्गों में बंटे हुए हैं- उपभोक्ता व्यय और पूंजीगत व्यय।
वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता के पैसे डालने के इरादे से सरकारी कर्मचारियों के लिए एलटीसी कैश वाउचर स्कीम और स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम की घोषणा की है। एलटीसी कैश वाउचर स्कीम के तहत, अगर सरकारी कर्मचारी कम से कम 12 फीसदी GST कलेक्ट करने वाला कोई भी सामान खरीदते हैं तो उन्हें उनकी छुट्टियों के एवज़ में मिलने वाली रकम और तीन बार के टिकट के किराये जितनी नकदी लेने का विकल्प मिलेगा।
सरकार ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए 31 मार्च तक के लिए फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत फेस्टिवल एडवांस दिया है। इसमें कर्मचारियों को रूपे कार्ड में 10,000 रुपए का एडवांस दिया जाएगा जो 10 महीनों की किश्तों में रिकवर किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे 8,000 करोड़ रुपए तक की डिमांड बनेगी।