लखनऊ । एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद हाथरस के एसपी व दो अन्य पुलिसवालों को निलंबित किया गया। हाथरस के एस पी विक्रांत वीर व इंस्पेक्टर तथा कुछ अन्य पुलिस कर्मियों को भीी निलंबित किया गया हैै। मौके पर मौजूद सभी पुलिस वालों का नार्को टेस्ट होगा। पीड़ित परिवार व आरोपियों का नार्को टेस्ट होगा।
हाथरस मामले में योगी सरकार ने ऐक्शन मोड में आ गई आज देर शाम हाथरस मामले में लापरवाही बरतने के चलते जिले के एसपी विक्रांत वीर, सीओ और इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनके अलावा कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है।
इस मामले में शुरु से ही प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। आखिरकार मुख्यमंत्री कार्यालय ने डीएम-एसपी के खिलाफ विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। बताया जाता है कि पूरे मामले में डीएम और एसपी की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज थे। और ये तय माना जा रहा था कि माना जा रहा था कि हाथरस के डीएम और एसपी को सस्पेंड किया जा सकता है। यद्यपि डीएम पर कार्रवाई को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।
हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध रही है। मृत लड़की के परिवार ने डीएम लक्षकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। डीएम प्रवीण कुमार पर पीड़िता की भाभी ने आरोप लगाया था कि डीएम ने उनके ससुर (पीड़िता के पिता) से कहा है कि अगर तुम्हारी बेटी अभी कोरोना से मर जाती तो क्या तुमको मुआवजा मिल पाता?
बताया जाता है कि एस आई टी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपे जाने के बाद कड़ा एक्शन लिया गया। एस पी, इंस्पेक्टर को निलंबित किये जाने के आदेश जारी किए गए। बता दें कि पीड़ित परिवार को डी एम द्वारा धमकाने का वीडियो वायरल हुआ था।