नई टिहरी। डोबरा-चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश्वर पैन्यूली ने कहा है कि फिलहाल न तो सरकार के पास पुल को जनता के लिए खोलने की कोई योजना है और न ही वह पुल की सुरक्षा (गुणवत्ता) को लेकर जनता को आश्वस्त कर पा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक आम लोग सुरक्षित नहीं होंगे क्या तब तक इस पुल को खोला जाना उचित नहीं होगा। पैन्यूली ने ये भी कहा कि सरकार सुरक्षित आवागमन के लिए किसी मान्यताप्राप्त एजेंसी से पुल की सुरक्षा जांच कराए।
राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि डोबरा-चांठी पुल के निर्माण पर पहले ही करोड़ रूपये खर्च हो चुके है। अब पुल पर राष्ट्रपति भवन की तर्ज पर शोभा के लिए लाइटें लगाई गई हैं, जो जनता के पैसों का दुरुपयोग ही है। उन्होनें कहा कि जनता को सुरक्षित आवागमन के लिए पुल चाहिए, किसी शोभायात्रा के लिये नहीं।
बता दें कि वर्ष 2006 में शुरू हुए इस पुल की तब की लागत 89 करोड़ आंकी गई थी। तमाम घपलों-घोटालों और 14 वर्ष बीत जाने के बाद इसकी लागत लगभग 300 करोड़ से भी ऊपर जा पहुंची है। इस पुल के लिए नाबार्ड से ही 150 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया है।