नई दिल्ली। देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व में शांति और सौहार्द के लिये प्रतिबद्ध है लेकिन इसके साथ ही देश की सुरक्षा के लिए भी तत्पर है।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि एल ओ सी से लेकर एल ए सी तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है। हमारे लिए अपने राष्ट्र की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है। और हमारी सेना हमारे वीर जवान इस महान संकल्प के लिए क्या कर सकते हैं और देश क्या कर सकता है। ये लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा, आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन। जो कि भारत की स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगा। आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आईडी में समाहित होगी।
पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर कहा कि आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं। जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर उत्पादन की भी तैयारी है। पीएम मोदी ने कहा, कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है। अभी पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन अकेले भीम यूपीआई से हुआ है। साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं। बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले एक हजार दिन में इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। आने वाले 1000 दिन में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी लाल किले से पिछले वर्ष जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी। आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ने में सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं। मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए।
विकास के मामले में पिछड़े कुछ क्षेत्रों विशेष मेंदेशरूप से ऐसे 110 से ज्यादा जिलों को चुनकर, वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा बेहतर स्वास्थ्य व रोजगार के बेहतर अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपए का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए। 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम बिना किसी लीकेज के हो जाएगा। गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा। अपने इन साथियों को अपने गांव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है।
मोदी ने कहा कि अब इन्फ्रास्ट्रक्चर में सिलोस को खत्म करने का समय आ गया है। इसके लिए पूरे देश को मल्टी मॉडल कनेक्टेविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने की एक बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को identify भी किया जा चुका है। ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा।
भाषण में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर, कोरोना संकट और आत्मनिर्भर भारत और कोरोना संकट का भी जिक्र किया।
इससे पहले उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धाजंलि अर्पित की। अपने सरकारी आवास से निकलने के बाद वह सीधे राजघाट पहुंचे और बापू की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। बता दें कि कोविड-19 महामारी के साये में लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोहों के लिए चार हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया था जिनमें अधिकारी, राजनयिक और मीडियाकर्मी शामिल थे। इसके मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा।
श्रमिकों के योगदान की महत्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा गया है- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्. किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है।
पीएम ने कहा, आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। भारत को आधुनिकता की तरफ, तेज गति से ले जाने के लिए, देश के समेकित ढांचागत विकास को एक नई दिशा देने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल तैयार उत्पाद बनकर भारत में लौटता रहेगा।एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी । तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे। आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं।
मोदी ने कहा, गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। उन्होंने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई। भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि 130 करोड़ देशवासियों की इच्छाशक्ति, संकल्पशक्ति हमें कोरोना पर भी विजय दिलाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है। अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है। ’