@ फैसल खान (लेखक यूपी 24 के संपादक हैं)
कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों के खूंखार हत्यारा कई राज्यों की हाई अलर्ट पुलिस को छकाता हुआ बड़े नाटकीय ढंग से भाजपा शासित मध्यप्रदेश में सरेंडर कर देता है या गिरफ्तार कर लिया जाता है तो सवाल उठने तो लाज़िम हैं। जो शख्स भाजपा शासित स्टेट उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी समेत 8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या करता है उनके ऑटोमेटिक हथियार लूटता है फिर आराम से फरार हो जाता है। 4 दिन के अंदर ही उसपर 50 हज़ार से पांच लाख तक का इनाम घोषित कर दिया जाता है। उत्तर प्रदेश भर की पुलिस के भीतर जिसने जवालामुखी सुलगा दिया बदले की आग का लावा बारूद की तरह भर दिया।
जिसको पुलिस चप्पे चप्पे पर तलाश रही थी और अपने भाइयों की जान का बदला लेना जिनका ध्येय बन चुका था। वो सब देखते ही रह गए और विकास बड़े आराम से मध्यप्रदेश में अपनी सुरक्षित पनाहगाह तक पहुंच गया। कमाल ये है कि ये सूचना पहले से थी कि विकास मध्यप्रदेश या राजस्थान जाकर खुद को पुलिस के हवाले करेगा। इसलिए पुलिस राजस्थान मध्यप्रदेश समेत दिल्ली हरियाणा उत्तराखंड तक के तमाम रास्तों पर बारीकी से नज़र रखे हुए थी। दूसरी बात ये अहम है कि कल से विकास की लोकेशन कभी फरीदाबाद कभी फ़िल्म सिटी बताई जा रही थी। मगर विकास अपने शातिर दिमाग़ से चाल चल चुका था। वो बड़े आराम से कई राज्यों की पुलिस एस टी एफ और तमाम इंटेलिजेंस को धता बताते हुए मध्यप्रदेश में था। सूत्रों के मुताबिक़ विकास गिरफ्तार नही हुवा बल्कि उसने सरेंडर किया है जबकि पुलिस गिरफ्तारी बता रही है।
बहरहाल ये तो तय है कि विकास दुबे के ऊपर कोई बहुत बड़ा हाथ था। जिसने उसको हर तरह से सुरक्षित रखते हुए पुलिस से बचाते हुुए इस मुकाम तक पहुंचाने में बड़ी मदद की है। भाजपा शासित प्रदेश में इतना बड़ा कांड कर सलामत बच निकलते हुए भाजपा शासित प्रदेश में ही खुद को सरेंडर कर देना आसान बात तो कतई नही है। भाजपा राज में ही थाने के अंदर भाजपा के दर्जा प्राप्त मंत्री की हत्या कर अदालत से बाइज़्ज़त बरी हो जाने वाले विकास दुबे की पहुंच और हनक कम तो कतई नही है। मगर अब सवाल ये है कि किया कानून और अदालत इस बेरहम खूँखार दरिंदे को कितनी जल्दी उसके अंजाम तक पहुंचाती है। या फिर पहले की तरह ही विकास अपने दांव चलकर इस मामले से भी पार पा लेगा।