नई दिल्ली। एल ए सी पर भारत के बीस जवानों की शहादत से दो दिन पहले चीन ने भारतीय निर्माण कंपनियों को पछाड़कर दिल्ली मेरठ रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर का ठेका हासिल कर लिया। यह ठेका चीनी मल्टीनेशनल सिविल कंस्ट्रक्शन फर्म शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड मिला है।
चीन की कंपनी एसटीईसी न्यू अशोक नगर और साहिबाबाद के बीच 5.6 किलोमीटर लंबे टनल का निर्माण करेगी। ठेके के लिए पांच कंपनियों ने बोली लगाई थी, लेकिन सबसे कम 1,126 करोड़ की बोली एसटीईसी की थी।
इस टनल की निविदा प्रक्रिया में कुल पांच राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय बोलीदाताओं ने भाग लिया था। एलकिन सबसे कम दाम की बोली लगाकर एसटीईसी ने इसे हासिल कर लिया। एनसीआरटीसी के मुताबिक वित्तीय बोली में शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड 1,126 करोड़ (L-1), लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एल एंड टी) 1,170 करोड़ रुपये (एल -2), गुलेरमक अगिर सनाय इंसात वे ताहुत ए.एस. (गुलेरमक)1,326 करोड़ (L-3), टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 1,346 करोड़ (L-4), एफकान इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड 1,400 करोड़ (L-5) शामिल थे। सबसे कम बोली चीन की शंघाई स्थित कंपनी की होने की वजह से यह ठेका उसने हासिल कर लिया।
बता दें कि एनसीआरटीसी ने भूमिगत नागरिक निर्माण पैकेज के लिए वैश्विक बोलियां पिछले साल ननवंबर में आमंत्रित की थीं। तब इस अनुबंध पैकेज के लिए तकनीकी बोलियां 16 मार्च 2020 को खोली गई थीं। कंपनी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर टीबीएम द्वारा कट और कवर विधि का उयोग करते हुए न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद यूपी रैंप तक ट्विन टनल को डिज़ाइन और उसका निर्माण करेंगी। इसके अलावा कंपनी आनंद विहार में एक अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण भी करेगी।
एनसीआरटीसी द्वारा स्वीकृति पत्र के अनुसार शंघाई की इस कंंपनी को 1095 दिन में यह काम पूरा करना है। न्यू अशोक नगर और साहिबाबाद के बीच सुरंग बनाने का काम है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार, टनल का काम टीबीएम द्वारा कट और कवर विधि के माध्यम से ही किया जाएगा।