@शब्द दूत ब्यूरो
काशीपुर । निजी स्कूल संचालकों के सामने सरकारी फरमान के चलते संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। एक तरफ उन्हें फीस न लेने के लिए सरकार ने आदेश जारी किए हैं तो दूसरी तरफ उनके संस्थान में कार्यरत शिक्षकों व अन्य स्टाफ को वेतन के लाले पड़ गये हैं।
निजी स्कूल संचालकों को यह भी कहा जा रहा है कि वह आनलाइन कक्षाओं का संचालन करें। शिवालिक होली माउंट एकेडमी तथा तराई इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष बसंत बल्लभ भट्ट कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान सरकार के आदेशों से निजी स्कूल संचालक पिस रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निजी स्कूल संचालकों को एक तरह से धमकाया जा रहा है। एचएसएम मैमोरियल की प्रबंधिका श्रीमती उमा वात्सल्य कहती हैं कि स्कूल चला पाना सरकारी आदेशों के अनुपालन के मुताबिक कठिन हो गया है। फीस न लेने को कहकर निजी स्कूलों की कमर तोड़ी जा रही है। उमा वात्सल्य कहती हैं कि स्कूलों में मार्च माह तक की ही फीस नहीं आई है।
बसंत बल्लभ भट्ट कहते हैं स्टाफ को वेतन तथा अन्य खर्चे पूरा करना काफी मुश्किल हो गया है। फीस ही एक जरिया है जिससे निजी स्कूल शिक्षण स्टाफ व अन्य कर्मचारियों को वेतन की पूर्ति करते हैं। एक ओर हमने फीस नहीं लेनी तो दूसरी ओर हमें स्टाफ को वेतन न देने पर भी दंड का भागी बनना पड़ेगा। ऐसे में दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। हालांकि सरकार ने बाद में संशोधन कर कहा है कि जो अभिभावक फीस दे सकते हैं वह दें लेकिन जबरन फीस नहीं वसूली जायेगी। जबरन शब्द की वजह से फीस वसूल पाना संभव नहीं है।
निजी स्कूलों में शिक्षकों के वेतन संकट पर क्षेत्र के सीबीएसई स्कूल प्रबंधन ने जूम एप के जरिए एक दूसरे से अपन परेशानी को एक दूसरे से साझा किया। आनलाइन बैठक में सभी स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से जल्द ही रूकी हुई फीस जमा करने का अनुरोध किया। इस दौरान सभी स्कूल संचालकों ने फीस के संदर्भ में दिये गये सरकारी आदेशों का पालन करते हुए कहा कि वह ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई अन्य शुल्क नहीं लेंगे। उन्होंने अभिभावकों से गत वर्ष की रुकी हुई फीस जमा कराने की अपील भी की ताकि प्रबंधन अपने स्कूल स्टाफ की रूकी हुई तनख्वाह दे सकें।
बैठक में शिवालिक होली माउंट एकेडमी, श्री गुरुनानक सीनियर सेकेंडरी स्कूल राजपूताना कालेज समर स्टडी हाल द गुरूकुल स्कूल लिटिल स्कालर्स साईं पब्लिक स्कूल ग्रेट मिशन पब्लिक स्कूल साइनिंग स्टार पब्लिक स्कूल समेत अनेक विद्यालय के प्रबंधक शामिल थे।