@शब्ददूत डेस्क
अयोध्या। रामलला आज अस्थायी मंदिर में शिफ्ट हो गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला को टिन शेड से निकालकर फाइबर के बने अस्थायी ढांचे (मंदिर) में विराजित किया। जब तक मंदिर निर्माण का काम पूरा नहीं हो जाता है, रामलला विराजमान इसी मंदिर में रहेंगे। पीएम मोदी के लॉकडाउन के ऐलान के कुछ घंटों बाद सीएम योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के खतरे के देखते हुए देशभर में बुधवार से बंदी का ऐलान किया है। करीब 15-20 लोग ही इस दौरान मौजूद रहे। अयोध्या प्रशासन ने फिलहाल दो अप्रैल तक तीर्थस्थल में प्रवेश पर रोक लगा दी है।
इस दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का चेक भी दिया। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- “अयोध्या करती है आह्वान… भव्य राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण आज सम्पन्न हुआ, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान… मानस भवन के पास एक अस्थायी ढांचे में ‘रामलला’ की मूर्ति को स्थानांतरित किया।
कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस के खतरे के बीच इस समारोह को टाला जा सकता है। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस कार्यक्रम में पहुंचने का फैसला किया। इस मौकेे पर मुख्यमंत्री कई संतों की मौजूदगी में पूजा-पाठ करते हुए नजर आये। इस दौरान अयोध्या के डीएम और पुलिस प्रमुख समेत अन्य अधिकारी भी वहां उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए पीएम मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने कर्फ्यू को सफल बनाया है। ऐसा नहीं है कि जो देश प्रभावित हैं वह प्रयास नहीं कर रहे हैं और न ऐसा कि वहां संसाधनों की कमी है। इन देशों को दो महीने के अध्ययन से यही निष्कर्ष निकल रहा है कि एक मात्र ही रास्ता है सोशल डिस्टैसिंग यानी अपने घरों में बंद रहना इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है। कोरोना को लेकर ऐसी लापरवाही भारत को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।