@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (26 सितंबर, 2021)
भारत विविधताओं भरा देश है. यहां सभी धर्म और जाति के लोग मिल जुलकर सदियों से साथ रहते आए हैं। धार्मिक सौहार्दता को बढ़ाने के लिए लोग एक दूसरे का साथ देते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ख़बर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ज़रा हटके है। बिहार में एक ऐसा गांव है, जहां कोई मुस्लिम नहीं रहता। इस गांव में सिर्फ़ हिन्दू संप्रदाय के ही लोग रहते हैं ऐसे में इस गांव में एक मस्जिद भी जिसका ध्यान हिन्दू समुदाय के लोग ही रखते हैं। रोज़ यहां साफ़-सफाई होती है। पांच वक़्त का नमाज़ पढ़ी जाती है।
बिहार के नालंदा जिले में स्थित इस गांव का नाम माड़ी है। यहां जो मस्जिद है, उसका रख-रखाव, रंगाई-पुताई का जिम्मा हिंदू समुदाय के लोगों ने लिया है। यह गांव हिन्दुस्तान की पहचान है। यहां के लोग बताते हैं कि पहले यहां मुस्लिम भी रहते थे, मगर उनका पलायन हो गया। मुस्लिम समुदाय के रहने के कारण यहां मस्जिद भी थी, जिसका रख रखाव अब यहां रह रहे लोग ही करते हैं।
यहां के ग्रामीण बताते हैं कि “हमें आजान तो नहीं आती, मगर हम पेन ड्राइव की मदद से अजान की रस्म अदा करते हैं। यह मस्जिद हमारे आस्था से जुड़ी हुई है। मस्जिद में नियम के मुताबिक सुबह और शाम सफाई की जाती है। जिसका दायित्व यहीं के लोग निभाते हैं। गांव में कभी भी किसी परिवार के घर अशुभ होता है तब वह परिवार मजार की ओर ही दुआ मांगने पहुंचता है।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यहां हर शुभ कार्यों में मस्जिद जाने का रिवाज़ है। शादी विवाह के दौरान यहां माथा टेकने सभी लोग जाते हैं। मस्जिद की रखरखाव के लिए लोग चंदा इकट्ठा करते हैं।