@शब्ददूत ब्यूरो
बेंगलुरू। नागरिकता कानून को लेकर हुये विरोध प्रदर्शनों में मारे गए दो लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के फैसले पर येदियुरप्पा सरकार पलट गई है। और यू टर्न लेते हुए मुआवजे का फैसला वापस ले लिया। सरकार ने अपनी ही घोषणा को रद्द करते हुए मंगलूरू हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिजनों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मंगलूरू में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने के फैसले को वापस लिया गया है।
बेंगलुरु में 19 दिसंबर को नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि ये मौतें पुलिस की फायरिंग से हुईं हैं। हालांकि तब पुलिस ने इससे इनकार किया था।
बता दें कि 22 दिसंबर को मंगलूरू के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों और पीड़ितों के परिवार के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि वह मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। इसके अलावा हिंसा की जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को गुरुवार को बल प्रयोग करने पर मजबूर होना पड़ा। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को आग लगाने की कोशिश की। यदि प्रदर्शनकारी पुलिस के शस्त्रागार तक पहुंचने में कामयाब हो जाते तो वह तबाही मचा सकते थे।