शब्द दूत ब्यूरो
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दी चेतावनी दी है कि दुनिया के 90 फीसदी देशों में आर्थिक सुस्ती से सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने कहा कि आर्थिक सुस्ती को लेकर चेतावनी जा रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुस्ती देखी जा रही है, जिसके कारण 90 फीसदी देशों की विकास की रफ्तार धीमी रहेगी। तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के कारण भारत में सबसे ज्यादा इसका असर देखा जाएगा।
आईएमएफ के मुख्यालय में इसकी नई प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने कहा, ‘साल 2019 में हमें लगता है कि दुनिया के 90 फीसदी देशों में ग्रोथ रेट सुस्त रहेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था अब सुस्ती के दौर में है।’
बुल्गारिया की इकोनॉमिस्ट क्रिस्टालिना हाल में ही आईएमएफ की निदेशक बनी हैं और उन्होंने क्रिस्टीन लगार्द का स्थान लिया है।
आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की एक हफ्ते के बाद ही संयुक्त सालाना बैठक होने वाली है जिसमें दोनों संस्थाएं अपने आर्थिक अनुमान पेश करेंगी। इसमें दुनिया के शीर्ष केंद्रीय बैंकर और वित्त मंत्री शामिल होंगे। आईएमएफ प्रमुख ने चेतावनी दी है कि 2019 और 2020 के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक एक जटिल हालात पेश करते हैं।
जॉर्जिएवा ने कहा कि अमेरिका, जापान जैसे विकसित देशों में आर्थिक गतिविधियां नरम पड़ रही हैं, खासकर यूरोप में। दूसरी तरफ, भारत और ब्राजील जैसे देशों में इस साल आर्थिक सुस्ती ज्यादा मुखर रूप में दिखी है। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी अब सुस्त पड़ने लगी है।
उन्होंने कहा, ‘इस तरह के आउटलुक से उन देशों के लिए और मुश्किल होने वाली है जो पहले ही कठिनाई से गुजर रहे हैं। खासकर मुद्रा कोष कई देशों में कार्यक्रमों में समस्या आ सकती है।
बुल्गारिया की जॉर्जीएवा जनवरी 2017 से विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रही हैं। वे इसी साल एक फरवरी से आठ अप्रैल तक विश्व बैंक समूह की अंतरिम अध्यक्ष रहीं।