@शब्द दूत ब्यूरो (20 नवंबर, 2023)
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम फिर शुरू हो गया। भूस्खलन का खतरा कम करने के लिए शॉटक्रिट मशीन से स्प्रे किया गया है। बैकअप प्लान के तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी सड़क बनाने का काम भी अंतिम चरण में है।
वहीं, अंदर फंसे मजदूरों को खाने व ऑक्सीजन की सप्लाई के पाइपों को कंक्रीट ह्यूम पाइप से कवर कर दिया गया है। भूस्खलन होता भी है, तो इससे खाने के सामान और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित नहीं होगी। उधर, सुरंग के दाएं और बाएं ओर से भी क्षैतिज ड्रिलिंग के लिए भूभौतिकी व भू-वैज्ञानिकों का सर्वे पूरा हो गया है। सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए बन रही 1200 मीटर लंबी सड़क का 900 मीटर हिस्सा बन चुका है। सूत्रों के अनुसार इस काम का जिम्मा लोनिवि और बीआरओ को सौंपा है।
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों तक खाने की आपूर्ति के लिए 150 एमएम व्यास का पाइप डाला गया है। जो कि 40 मीटर तक अंदर धकेला जा चुका है। यह पाइप करीब 60 मीटर तक अंदर जाना है। बताया जा रहा है कि इस पाइप से ही मजदूरों को ठोस भोजन जैसे अंडे, खाने के पैकेट व अन्य खाद्य पदार्थ भी भेजे जा सकेंगे।
सुरंग के अंदर ड्रिलिंग मशीन को भी भूस्खलन से बचाने के लिए कंक्रीट ब्लाॅक से ढका जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन कंक्रीट ब्लाॅक को बीआरओ ने विशेष रूप से भेजा है। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि एक बार ड्रिलिंग मशीन की सुरक्षा पुख्ता कर ली जाएगी तो पाइप डालने की कार्रवाई दोबारा शुरू हो सकती है।