@शब्द दूत ब्यूरो (09 अक्तूबर, 2023)
प्रदेश के 51 में से 41 वाइब्रेंट विलेज को यूपीसीएल और उरेडा मिलकर रोशन करेंगे। इन गांवों में आज तक तो आंशिक रूप से बिजली है या पूरी तरह से बिजली नहीं है। प्रस्ताव तैयार हो चुका है, जिसके तहत यूपीसीएल व उरेडा अलग-अलग काम करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत राज्य के 51 गांवों का चयन हुआ है। इन गांवों के लिए 758 करोड़ रुपये की योजनाएं बनी हैं। ज्यादातर गांव ऐसे हैं, जिनमें आज तक बिजली नहीं पहुंची है। लिहाजा, बड़े पैमाने पर इनके विद्युतीकरण की योजना बनाई गई है। जिन गांवों में आसानी से बिजली लाइन पहुंच सकती है, वहां यूपीसीएल लाइन पहुंचाएगा। जो अति दुर्गम गांव हैं, वहां उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (उरेडा) सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाएगा।
पुराली, मुखबा, झाला, जसपुर, हर्षिल, धराली, टोला, टिडांग, सेला, सीपू, रोंगकों, रिलकोट, पांछु, नवी, नपल्छ, मार्तोली, मारछा, कुटि, बलिंग, किमलिंग, गुंजी, गर्ब्यांग, डुग्टू, बुरफू, बिल्जु, मिलम, सोबला, पांछु, डार, बेडा, अमाली, बगोरी, महारगों, नीती, मलारी, कोशा, कैलाशपुर, गमसाली, फरकिया, बाम्पा, माणा।
वाइब्रेंट विलेज के प्रति पर्यटकों का आकर्षण पैदा करने के लिए टूरिस्ट गाइड बनने के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उनके लिए स्वरोजगार की राह भी खुले।