@शब्द दूत ब्यूरो (08 अगस्त 2023)
काशीपुर। भगवान श्री राम के अयोध्या में बनने जा रहे भव्य और आलीशान मंदिर के निर्माण की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित श्री राम ध्वज यात्रा काशीपुर के लिए एक मिसाल बन गई।जब जब काशीपुर और क्षेत्र के लोग भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के बारे में सोचा करेंगे अथवा मंदिर को देखेंगे तब तब उन्हें धर्म यात्रा महासंघ के बैनर तले युवा एवं वरिष्ठ भाजपा नेता दीपक बाली के संयोजन में निकाली गई भव्य श्री राम ध्वज यात्रा भी याद आया करेगी।
इस यात्रा को सफल बनाने की जिम्मेदारी लेकर दीपक बाली ने अपने साथियों के साथ मिलकर दिखा दिया कि भले ही वे राजनीति में नए हो मगर जनता के दिल में उन्होंने अपने प्रति अपने प्यार और सहयोग रूपी तपस्या के बल पर जो पकड़ बनाई है वह बेमिसाल है। अपने व्यवहार के चलते ही जीवन के जिस क्षेत्र में भी वें गए सफलता ने उनके कदम चूमे । राजनीति के क्षेत्र में गए तो वहां भी उन्होंने ऊंची ही छलांग लगाई और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा उन्हें पार्टी में शामिल कराए जाने पर काशीपुर का राष्ट्रीय फलक पर ऐसा सम्मान बढा जैसा सम्मान कभी पंडित नारायण दत्त तिवारी बढाया करते थे । जब भाजपा मैं गए तो वहां भी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ने मिलकर उन्हें पार्टी का पटका पहनाया ।क्षेत्र के नेताओं को इस बारे में नकारात्मक नहीं बल्कि सकारात्मक मंथन करना चाहिए।
5 अगस्त को ध्वज यात्रा निकलने वाले दिन सुबह से ही हो रही बारिश के चलते नगर एवं क्षेत्र के लोग आशंकित थे कि अब क्या होगा? ध्वज यात्रा निकलेगी भी या नहीं? निकलेगी तो उसमें भीड़ कहां से आएगी? यही प्रश्न थे जो दूसरे आयोजक साथियों और नगर व क्षेत्रवासियों के जहन में घूम रहे थे मगर दूसरी ओर जब लोग यह सब सोच रहे थे तो उस समय बारिश का डर छोड़कर राम भक्तों की भीड़ किला बाजार में बढ़ती जा रही थी ।दीपक बाली ने साफ कह दिया था कि ध्वज यात्रा तो अवश्य निकलेगी भले ही बारिश कितनी भी क्यों ना हो। लगता है उन्हें प्रभु श्री राम के प्रति अपनी आस्था और मेहनत पर पूर्ण विश्वास था। यही हुआ। भगवान इंद्र ने भी यात्रा शुरू होने से पहले श्री राम भक्तों का बारिश की बौछार से स्वागत तो किया मगर जब यात्रा शुरू हुई तब से लेकर समापन तक कहीं भी तो कोई बूंद नहीं गिरी, और राम भक्तों की भीड़ का आलम यह था कि सभी देखकर चौक गए कि इतनी भीड़ आई तो आई कहां से? जबकि उल्लेखनीय पहलू तो यह है कि जितनी भीड़ थी इतनी भीड़ तो आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से बारिश की वजह से आ ही नहीं पाई वरना भीड़ का आलम ही कुछ और होता ।हां शहर की जनता उन राजनीतिक चेहरों को देखने से जरूर महरूम रह गई जिन्हें आना चाहिए था, और तो और श्री राम यात्रा से वे नेता भी किनारा कर गए जो राजनीति ही श्री राम के नाम पर करते हैं, जबकि पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया के साथ-साथ शहर में लाउडस्पीकर से प्रचार हो रहा था कि राजनीतिक भेदभाव और दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी सनातनी ,भगवान श्रीराम की खातिर इस ध्वज यात्रा में शामिल होकर प्रभु श्रीराम के लिए अपनी आस्था व्यक्त करें।हो न हो गायब चेहरे अपने घरों पर रहकर भी दुआ कर रहे हों कि भगवान इतना बरस की ध्वज यात्रा ही न निकले।
जहां तक दीपक बाली का सवाल है वह भले ही राजनीति में नए हैं मगर वे शुरू से ही जन भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहकर समाज सेवा करते रहे हैं ।यही कारण है कि जब उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा था तो विरोधी दल भी हतप्रभ थे कि दीपक बाली के कार्यक्रमों में भीड़ कहां से उमड पड़ती है? विरोधी परेशान थे कि जनता से जुड़ने के जो मुद्दे वे निकाल लाते हैं वें समय रहते हमारे दिमाग में क्यों नहीं आए? उन्होंने जनहित को मद्देनजर रख न सिर्फ महाराणा प्रताप चौराहे पर टूटे सरकारी नाले को अपने खुद के खर्चे पर इसलिए बनवा डाला कि लोग उसमें गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे थे। जनता के लिए ही वह नाले तक में कूद गए और जब कोरोना काल में काशीपुर और क्षेत्र की जनता उपचार के लिए बेबस बनी खड़ी थी और मौत का तांडव सभी को डरा रहा था ऐसे में दीपक बाली ही थे जो अपने घर से बाहर निकल कर आए थे और खुद के व परिवार के कोरोना ग्रस्त होने के डर को छोड़कर जनता जनार्दन के बीच आए औरअपने खुद के खर्चे पर उन्होंने काशीपुर के सरकारी चिकित्सालय में कोरोना अस्पताल की व्यवस्था कर एक नई और अनुकरणीय मिसाल कायम की । उनका स्पष्ट मानना था कि मेरे शहर की जनता यदि ठीक-ठाक और स्वस्थ है तो सब कुछ ठीक है वरना उस पैसे का क्या करना जिसके होते हुए अपने शहर के ही लोग मौत के मुंह में समाते चले जाएं ।
खैर कहने को कोई कुछ भी कहे मगर एक संयोजक के रूप में जिस तरह से उन्होंने अपने सभी शुभचिंतकों, मित्रों, और सहयोगियों को जोड़कर साझा प्रयासों से श्री राम ध्वज यात्रा को ऐतिहासिक और भूतो न भविष्यति जैसा रूप दिया ।उसके लिए श्री बाली को साधुवाद दिया जाना चाहिए। वे भाजपा में अभी किसी पद पर नहीं है बावजूद इसके वें जनता की सेवा के हर काम में साथ खड़े नजर आते हैं क्योंकि उनका मानना है कि हम जनता के साथ खड़े होंगे तभी जनता भी हमारे साथ खड़ी नजर आएगी और उसी का परिणाम है कि जब जब उन्हें जनता की जरूरत पड़ती है तो जनता भी साथ खड़ी नजर आती है। यही कारण है जब जब किसी कार्यक्रम में दीपक बाली ने भागीदारी की वह कार्यक्रम भी अपने आप में यादगार बन गया। पूरा काशीपुर शहर ऐसा कर दिया गया जैसे कि वह साक्षात अयोध्या हो ।बूढ़े ,जवान ,स्त्री, और पुरुषों के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चे तक भगवान श्री राम की आस्था की डोर में बंध कर जिस तरह से ध्वज यात्रा में शामिल हो अपनी भागीदारी दिखाते नजर आए वह निसंदेह प्रशंसनीय रहा।