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काफी की महक का साम्राज्य ‘स्टारबक्स’@राकेश अचल

भारत में चाय यदि आम आदमी का पेय है तो ‘ काफी ‘ आज भी संभ्रांत समाज का पेय है। काफी की सुगंध नथुनों को भेदती हुई दिमाग पर दस्तक देती है। यही काफी ‘स्टारबक्स’ब्रांड के नाम से आधी दुनिया में अपनी धाक जमा चुकी है।

चाय के बाद काफी हर आदमी की पसंद है। दक्षिण भारतीय रसोई में तो काफी की सुगंध ही बसती है। उत्तर भारत में काफी की धमक कम है, लेकिन अमेरिका में हर घर में काफी का डेरा है।औसतन अमरीकी ठंडी या गर्म काफी के बिना शायद ही रहता हो। शायद ही ऐसा कोई ऐसा अमरीकी होगा जिसने ‘स्टारबक्स’ की काफी न पी हो। स्टारबक्स प्रतिष्ठा का प्रतीक भी है।

मैंने दुनिया के बहुत से देशों में काफी की खेती और उत्पादन देखा और उनका स्वाद चखा है किंतु स्टारबक्स की काफी 2016 में पहली बार अमेरिका के अटलांटा शहर में पी थी।भारत में तो नेस्केफे और ब्रू का ही स्वाद मिलता है। निश्चित ही स्टारबक्स की काफी दूसरे ब्रांडों से सबसे अलग होती है
तफ्तीश करने पर पता चला कि आज की तारीख में दुनिया के 50 से अधिक देशों में 16858 से अधिक स्टोर के जरिए स्टारबक्स दुनिया की सबसे बड़ी कॉफी हाउस कंपनी है। काफी के दीवानों ने स्टारबक्स को ये मुकाम दिया है। जिसमें अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 हजार से अधिक आउटलेट हैं स्टारबक्स के। अमेरिका की सीमा से लगे कनाडा में एक हजार से अधिक और ब्रिटेन में 700 से अधिक स्टोर हैं।

स्टारबक्स ड्रिप ब्रियूड कॉफी, एस्प्रेसो आधारित गर्म पेय, अन्य गर्म और शीतल पेय, कॉफी बीन्स, सलाद, गर्म और ठंडी सैंडविच तथा पानिनी, पेस्ट्री; और मग एवं गिलास जैसी वस्तुएँ बेचती है।आप ड्राइव थ्रू करते हुए स्टारबक्स से अपना काफी गिलास हासिल कर सकते हैं। बड़े माल्स में आपके सामने काफी के बीज भूने और पीसे जाते हैं।

कंपनी, स्टारबक्स इंटरटेंमेंट डिवीजन और हियर म्यूजिक ब्रांड के माध्यम से किताबों, संगीत और फिल्मों का भी विपणन करती है। कंपनी के कई उत्पाद मौसमी होते हैं या उन्हें विशेष रूप से स्टोर के इलाके के लिए ही बनाया जाता है। किराने की दुकानों पर स्टारबक्स ब्रांड वाली आइसक्रीम और कॉफी भी बेची जाती है।

एक स्थानीय कॉफी बीन रोस्टर और रिटेलर के रूप में सिएटल में परवर्ती रूपों में स्टारबक्स की स्थापना के बाद से कंपनी का तेजी से विस्तार हुआ है। 1990 के दशक से स्टारबक्स ने हर कार्यदिवस में एक नया स्टोर खोलना शुरू किया जो 2000 के दशक तक जारी रहा. संयुक्त राज्य अमेरिका या कनाडा के बाहर पहला स्टोर 1990 के दशक के मध्य में खोला गया और स्टारबक्स के कुल स्टोरों में विदेशी स्टोरों की संख्या अब लगभग एक तिहाई तक पहुंच चुकी है।कंपनी ने 2009 में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर 900 नई दुकानों का एक नेटवर्क खोलने की योजना बनाई। लेकिन 2008 से इसने संयुक्त राज्य अमेरिका में 900 दुकानों को बंद करने की घोषणा भी की है।

भारत में स्टारबक्स के आउटलेट बड़े शहरों में खुल गये हैं। वहां स्वाद भी अमेरिका जैसा मिलता है लेकिन सौजन्य नहीं। अमेरिका में ग्राहक सचमुच भगवान होता है, भारत में नहीं। ग्वालियर में अभी स्टारबक्स एक सपना है।

करीब चार लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली स्टारबक्स कम्पनी का कारोबार अरबों अमरीकी डालर का है। अमरीकी स्टारबक्स पर और स्टारबक्स अमरीकियों पर गर्व करता है। मै इन दिनों अमेरिका में हूं इसलिए स्टारबक्स के पास जब तब जरूर जाता हूं।
@ राकेश अचल

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