@शब्द दूत ब्यूरो (25 नवंबर, 2022)
पहाड की लोकसंस्कृति के ध्वजवाहक और संरक्षक डॉ. डीआर पुरोहित को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। प्रोफेसर डीआर पुरोहित को लोकसंगीत और थियेटर के क्षेत्र में वर्ष 2021 का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा।
गौरतलब है कि लोकसंस्कृति के भगीरथ डाॅ. दाताराम पुरोहित ने विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी लोकसंस्कृति को विद्यार्थी के रूप में संजो कर इन्हें पूरे विश्व में पहचान दिलाई। रामकथाओं में सबसे प्राचीन भल्दा परंपरा की मुखौटा शैली- रम्माण से लेकर केदार घाटी का प्रसिद्ध चक्रव्यूह मंचन, नंदा देवी के पौराणिक लोकजागर, पांडवाणी, बगडवाली, शैलनट, रंगमंच, ढोल वादन, ढोली तक के संरक्षण और संवर्धन हेतु उनके द्वारा जो योगदान दिया गया वह उत्तराखंड की लोकसंस्कृति के लिए किसी अमूल्य निधि से कम नहीं है।