@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (05 अप्रैल, 2022)
पंजाब में ऐतिहासिक जीत के बाद अब आम आदमी पार्टी पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की सियासत में एंट्री कर रही है। पहाड़ी राज्य की अब तक की सियासत में कोई भी पार्टी तीसरे फ्रंट के रूप में कामयाब नहीं रही। ऐसे में पहाड़ की सियासी चढ़ाई चढ़ने के लिए आम आदमी पार्टी पंजाब की तरह ही ‘गारंटियों का दांव’ खेलने की तैयारी में है।
हिमाचल में धमाकेदार एंट्री के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में आम आदमी पार्टी (आप) पहला रोड शो कर रही है। दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन लंबे समय से हिमाचल के राजनीतिक गणित को समझने के लिए प्रदेश में ही डेरा डाले हुए हैं। वहीं, हिमाचल में फिलहाल बीजेपी की सरकार है, जिसका कार्यकाल आठ जनवरी 2023 को पूरा होने वाला है। ऐसे में सभी सियासी पार्टियों के पास अब करीब छह महीने का ही समय शेष है।
आम आदमी पार्टी ऐलान कर चुकी है कि हिमाचल में सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी का हिमाचल के ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर और सोलन जिलों पर फोकस है। इसकी वजह ये है कि ये सभी इलाके पंजाब से लगते हैं। वहीं पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार बन चुकी है, इसका असर पड़ोसी राज्य के इन इलाकों में देखने को मिल सकता है। वहीं कांगड़ा जिले में ही राज्य की सबसे ज्यादा 15 विधानसभा सीटें आती हैं।
पंजाब में चुनाव जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने 10 गारंटियों का ऐलान किया था। हिमाचल में भी पार्टी ऐसा ही दांव खेलने की तैयारी में है। दिल्ली में आप के मंत्री सत्येंद्र जैन लंबे समय से हिमाचल में हैं। ऐसे में पार्टी ने उन मुद्दों को भी अच्छे से समझ लिया है, जिन पर आम जनता को गारंटियां दी जा सकती हैं। पार्टी के मेनिफेस्टो में टूरिज्म और बागवानी के साथ शिक्षा क्षेत्र मुख्य रूप से शामिल रह सकते हैं। हिमाचल में ज्यादातर लोगों की आजीविका बागवानी और पर्यटन पर ही निर्भर करती है।