@शब्द दूत ब्यूरो (13 फरवरी 2022)
देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है। गुजरात की जहाज निर्माण करने वाली कंपनी एबीजी शिपयार्ड पर सीबीआई ने सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई की है। आरोप है कि कंपनी ने कई बैंकों के साथ कुल 22, 842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की और बैंक से मिले पैसे का गलत इस्तेमाल किया।
मामला 2012-17 के बीच मिले फंड और उनके दुरुपयोग से जुड़ा है। केंद्रीय जाँच एजेंसी ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष ऋषि अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ़ इस मामले को दर्ज किया है। इस मामले में ऋषि अग्रवाल (तत्कालीन अध्यक्ष) संथानम मुत्थास्वामी (एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर) समेत डायरेक्टर अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल, रवि विमल नेवतिया का नाम और इसी के साथ एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी एफआईआर में है।
जानकारी के अनुसार, फॉरेंसिक जाँच से पता चला है कि 2012-17 के बीच, आरोपियों ने एक साथ मिलीभगत की और बैंकों से लिए फंड का डायवर्जन किया, उनमें हेराफेरी की और आपराधिक विश्वासघात में लगे रहे। इस घोटाले में में करीब 28 बैंक और वित्तीय संस्थान शिकार हुए हैं। इनका कहना है कि इनसे जो फंड लिए गए उनका उपयोग किसी और कार्य के लिए किया जाता रहा।
भारतीय स्टेट बैंक ने घोटाले को लेकर शिकायत दर्ज कराई और बताया कि एबीजी शिपयार्ड कंपनी पर उसका 2,925 करोड़ रुपए बकाया है। इसके अलावा अन्य बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक का 7,089 करोड़ रुपए, आईडीबीआई बैंक का 3,634 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,614 करोड़ रुपए, पीएनबी का 1,244 करोड़ रुपए और आईओबी का 1,228 करोड़ रुपए बकाया है।
उल्लेखनीय है कि एबीजी शिपयार्ड कंपनी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित है। अब इस कंपनी से जुड़े 22,842 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई मुंबई में एबीजी शिपयार्ड से जुड़ी कई जगहों पर अपनी छापेमारी कर रही है। एबीजी शिपयार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी इतनी बड़ी है कि इससे पहले केवल नीरव मोदी ही थे जिनके 13, 200 करोड़ रुपए के फ्रॉड को सबसे बड़ा फ्रॉड कहा जाता था। हालाँकि, इस खुलासे के बाद हिंदुस्तान के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड में एबीजी शिपयार्ड का नाम लिया जाएगा।