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प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा विदेश में खराब नहीं करना चाहते, न ही चाहते हैं कि वे माफी मांगें: राकेश टिकैत

तीन निरस्त कृषि कानूनों पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के हालिया बयान पर राकेश टिकैत ने कहा कि इस टिप्पणी का उद्देश्य किसानों को धोखा देना था।

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (27 दिसंबर, 2021)

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माफी मांगें और वे ये भी नहीं चाहते कि विदेश में उनकी छवि खराब हो। उनका बयान केंद्र द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसके खिलाफ कई किसान संगठन करीब एक साल तक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। 

राकेश टिकैट ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘हम नहीं चाहते देश का प्रधानमंत्री माफी मांगे। हम उनकी प्रतिष्ठा विदेश में खराब नहीं करना चाहते। कोई फ़ैसला होगा तो बगैर किसानों की मर्ज़ी के भारत में फ़ैसला नहीं होगा। हमने ईमानदारी से खेत में हल चलाया लेकिन दिल्ली की कलम ने भाव देने में बेईमानी की।’ तीन निरस्त कृषि कानूनों पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के हालिया बयान पर उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी का उद्देश्य किसानों को धोखा देना था।

नागपुर में एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने कहा था, ‘हम कृषि कानून लाए थे। कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया। लेकिन सरकार निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हटे हैं और हम फिर से आगे बढ़ेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं। अगर रीढ़ की हड्डी मजबूत होगी तो देश मजबूत बनेगा।’ हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि केंद्र की कृषि कानूनों को फिर से लाने की कोई योजना नहीं है। साथ ही कहा कि उनका यह बयान गलत तरीके से पेश किया गया।

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