@शब्द दूत ब्यूरो
सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस एमएम शांतनागौदर आखिरकार कैंसर से जंग हार गए। उनकी गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई। जस्टिस शांतनागौदर 62 वर्ष के थे और पांच मई को 63 साल के होने वाले थे। जस्टिस शांतनागौदर 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वो केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे। उन्हें 2004 में कर्नाटक हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। जस्टिस शांतनागौदर कर्नाटक के हावेरी जिले के रहने वाले थे औरउन्होंने धारवाड़ के युनिवर्सिटी लॉ कालेज से कानूनी शिक्षा ग्रहण की थी।
सूत्रों ने बताया कि जस्टिस शांतनागौदर को फेफड़े में संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह आईसीयू में थे। शनिवार देर रात तक उनकी हालत स्थिर बताई गई थी। जस्टिस शांतनागौदर का जन्म पांच मई 1958 को कर्नाटक में हुआ था। उन्होंने पांच सितंबर 1980 को एक वकील के तौर पर पंजीकरण कराया था। सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किये जाने से पहले जस्टिस शांतनागौदर केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे।