काशीपुर । कोरोना महामारी के दौरान पिछले वर्ष मार्च में काशीपुर के एल डी भट्ट राजकीय चिकित्सालय में की गई खरीद में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए एक अधिवक्ता ने शासन को जांच की मांग करते हुए पत्र भेजा है। अधिवक्ता को राजकीय चिकित्सालय की ओर से सूचना अधिकार के तहत जो जानकारी मिली है उसके आधार पर खरीद में बड़े पैमाने पर हेरफेर की संभावना की आशंका जताई जा रही है। मजे की बात यह है कि राजकीय चिकित्सालय ने 31 जून 2020 को भर्ती एक कोविड मरीज पर खर्च रकम का भुगतान लिया है।
काशीपुर निवासी अधिवक्ता मुनि राज विश्नोई ने यहाँ एल डी भट्ट राजकीय चिकित्सालय से कोरोना महामारी के दौरान खरीदे गए सामान तथा कोविड-19 उपचार सेंटर में भर्ती मरीजों के ऊपर किये गये खर्च का ब्यौरा मांगा। अधिवक्ता मुनिराज विश्नोई ने बताया कि राजकीय चिकित्सालय के अधिकारियों द्वारा दिये गये विवरण के मुताबिक ढाई रुपये का मास्क 18 रूपये तक का खरीदा गया। वहीं पांच सौ रुपये की पीपीई किट 1200 रूपये की खरीदी गई है। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय द्वारा खरीदे गये इन्फ्रा हेड थर्मामीटर मीटर सात हजार रुपये में खरीद कर भारी सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। जबकि वहीं थर्मामीटर बाजार में तीन हजार रुपये तक उपलब्ध है।
कोविड-19 सेंटर में उपचार के लिए भर्ती मरीजों पर हुये खर्च पर भी अधिवक्ता मुनिराज विश्नोई ने भी सवाल उठाये हैं। विभिन्न कोविड-19 उपचार सेंटर में भर्ती मरीजों को लेकर मानकों का खुलेआम उल्लंघन का मामला सामने आया है। एक कमरे में तीन तीन मरीजों को रखकर सोशल डिस्टेंस के मानकों की धज्जियां उड़ गई है। अधिवक्ता मुनिराज विश्नोई ने आरोप लगाया है कि राजकीय चिकित्सालय के स्टाफ के लोगों ने फर्जी ढंग से आधार कार्ड लगाकर होटलों में (कोविड-19 उपचार सेंटर) में रहने और खाने के नाम पर लाखों रुपये का गोलमाल किया है।
अधिवक्ता मुनिराज विश्नोई ने इस मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है। (जारी)