देहरादून । दो दिन पहले एबीपी न्यूज चैनल के उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सर्वे में देश के सबसे खराब मुख्यमंत्री बताये जाने पर पक्ष और विपक्ष में तूफान मच गया था। भाजपा ने जहाँ इस सर्वे को गलत और चंद लोगों की राय बताया वहीं विपक्षी दलों ने इस सर्वे को सही बताया।
पूर्व राज्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनीष वर्मा ने तो इस सर्वे पर यह कहते हुए सवाल खड़े किए कि मात्र 275 लोगों की राय लेकर यह सर्वे कर दिया गया। जबकि भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हुई है और त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कार्यकाल में लगातार कई विधानसभा उपचुनाव व निकाय चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी विजयी रहे। भाजपा नेता मनीष वर्मा ने कहा कि लोकसभा में 5 सीट व सभी उपचुनाव में भाजपा की जीत व अरबों रुपए के विकास कार्य त्रिवेंद्र के नेतृत्व में हुए। चार साल का सफल कार्यकाल सीएम के विरोधियों को रास नहीं आ रहा है।
शब्द दूत में प्रकाशित समाचार में भाजपा नेता मनीष वर्मा ने कहा कि यह दिल्ली में बैठे कुछ ऐसे लोगों का षडयंत्र है जो त्रिवेन्द्र सिंह रावत के भ्रष्टाचार पर किये जा रहे प्रहार से बौखलाये हुये हैं। और त्रिवेन्द्र सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। भाजपा नेता मनीष वर्मा ने बताया एबीपी न्यूज ने अपने ट्विटर एकाउंट से उस ट्वीट को डिलीट कर दिया है। उन्होंने कहा कि ट्वीट डिलीट करने का सीधा मतलब है कि यह सर्वे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के विरूद्ध एक षड्यंत्र का हिस्सा था।