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कोविशील्ड की प्रभावशीलता ज्यादा होगी अगर टीकों में अंतराल 28 दिन से ज्यादा हो: सीरम इंस्टीट्यूट

@शब्द दूत ब्यूरो

नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार वैक्सीन कोविशील्ड की दोनों खुराक के बीच अंतर अगर 28 दिनों से ज्यादा रहता है तो प्रभावशीलता बढ़ जाती है। भारत में कोविड वैक्सीन का टीकाकरण शुरू होने के एक दिन पहले सीरम के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने यह जानकारी दी है।

भारत में इस्तेमाल की जा रहीं दोनों वैक्सीन (सीरम की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन) दो-दो खुराक वाली हैं, जिन्हें 28 दिनों के अंतराल के बाद दिया जाना है। कोवैक्सीन स्वदेशी वैक्सीन है। सीरम इंस्टीट्यूट के सुरेश जाधव ने कहा कि नतीजे और बेहतर होते अगर खुराक के बीच अंतराल कुछ हफ्ते ज्यादा होता।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. जाधव ने कहा, अगर अंतराल चार हफ्ते भी रहता है तो भी यह बेहतर सुरक्षा देती है, लेकिन 70-80 प्रतिशत के करीब। अगर दोनों टीकों के बीच अंतराल 6-8 हफ्ते या उससे ज्यादा 10 हफ्तों का होता है तो नतीजे और बेहतर रहते हैं। उन्होंने कहा कि फेज 3 के क्लीनिकल ट्रायल 28 दिनों के अंतराल में आयोजित किए गए, जो मानक बन गया। लेकिन अगर दूसरी खुराक कम वक्त में ले ली जाती है तो भी यह 70 फीसदी तक सुरक्षा देती है।

जाधव ने कहा, ” अगर आप लंबे समय तक और ऊंचे स्तर की सुरक्षा चाहते हैं तो यह बेहतर होगा कि इसे 6 से 8 हफ्तों के अंतराल में लिया जाए। डॉ. जाधव ने यह भी स्पष्ट किया कि पहली खुराक लेने के बाद दूसरी बार टीका जरूर लिया जाना चाहिए क्योंकि यह महत्वपूर्ण सुरक्षा देने का काम करता है। कोरोना वायरस से उबर चुके लोगों के लिए वैक्सीनेशन के सवाल पर उन्होंने कहा, कोविड-19 के संक्रमण के बाद भी लोगों को वैक्सीन जरूर लेनी चाहिए। ऐसा देखा गया है कि लोगों को दोबारा संक्रमण भी हो सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों वैक्सीनों का घालमेल नहीं करना चाहिए। दोनों खुराक में अलग-अलग वैक्सीन लेने के सवाल पर डॉ. जाधव ने कहा, अलग-अलग वैक्सीन की खुराक अलग होती है, अलग तकनीक होती है, लिहाजा किसी को भी दोनों वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।

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