दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ बैठे किसानों ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। किसान आंदोलन के चलते राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री खट्टर और उनके उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सहित आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि क्या हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के विधायक दबाव में हैं?
दुष्यंत चौटाला, अमित शाह से मिलने से पहले दिल्ली में अपने फार्म हाउस में अपनी पार्टी जेजेपी के विधायकों से मुलाकात करने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वो अपने विधायकों को विश्वास में रखने के लिए यह बैठक कर रहे हैं।
दरअसल, इनेलो प्रमुख अभय चौटाला ने एक चिट्ठी लिखकर खट्टर का विरोध किया है और कहा है कि अगर 26 जनवरी तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो उनकी इस चिट्ठी को ही इस्तीफा माना जाए। उन्होंने कहा था कि वो ऐसी संवेदनहीन विधानसभा में नहीं रहना चाहते। अब उनकी इस धमकी से विधायकों के बीच दबाव बन गया है।
गठबंधन के साथ पहले ही जो लोग मौजूद हैं, वो किसानों का विरोध झेल रहे हैं। बता दें कि हरियाणा की सत्ता में बीजेपी के पास 40 सीटें, जेजेपी के पास 10 और पांच स्वतंत्र विधायक हैं।