@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के खतरे के बीच भारत में परिंदों की तेजी से होती मौतों ने दहशत फैला दी है। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई और कई राज्यों में जंगली पक्षियों, कौवे और मुर्गियों की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। बर्ड फ्लू को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय तेज कर दिया है। पशुपालन और डेयरी विभाग ने संभावित हॉटस्पॉट की निगरानी बढ़ाने और निरंतर संचार बनाए रखने के लिए कहा है। जिन राज्यों में अब तक बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है उनमें उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मृत पक्षियों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट आने के बाद ही वहां बर्ड फ्लू होने या न होने संबंधी कोई पुष्टि हो पाएगी। दिल्ली में बर्ड फ्लू के खतरे के बीच जसोला में बीते तीन दिन में कम से कम 24 कौए और संजय झील में 10 बत्तख मरी हुई मिली हैं।
महाराष्ट्र के एक कुक्कुट पालन केंद्र में 900 पक्षियों सहित पूरे भारत में शनिवार को 1,200 से अधिक पक्षी मृत मिले। इसके साथ ही केंद्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है और अब इस बीमारी से संबंधित राज्यों की संख्या सात हो गई है।
गुजरात में बर्ड फ्लू के पहले मामले की पुष्टि के बाद राज्य के जूनागढ़ जिले की मंग्रोल तालुका स्थित एक गांव में चार कौवों के मृत मिलने से दहशत और बढ़ गई है। राज्य में शुक्रवार को बर्ड फ्लू के पहले मामले की तब पुष्ट हुई जब दो मृत टिटहरियों में से एक के नमूने में संबंधित विषाणु का संक्रमण पाया गया। अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में सूरत और मेहसाणा जिलों में मृत मिले चार कौओं के नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल जिले के सिताबपुर इलाके में एक नाले में पांच कौए मृत मिले। पशु चिकित्सा अधिकारी बी एम गुप्ता ने बताया कि मृत पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजे गए हैं। पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है।