@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के साथ-साथ किसान बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन का विरोध कर रहे हैं। किसानों को डर है कि प्रस्तावित संशोधन से बिजली पर उन्हें मिलनी वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी। विपक्ष भी बिजली कानून में संशोधन का विरोध कर रहा है। एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि सरकार किसानों से रियायती दर पर बिजली का हक छीनना चाहती है।
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, “यह सरकार जो कहती है, सच उसके विपरीत होता है। बिजली बिल के जरिये क्रॉस सब्सिडी से दूर करने का प्रस्ताव है। कई राज्य किसानों को मुफ्त बिजली दे रहे हैं, यह बिल इसे बदलना चाहता है और किसानों को बिजली के लिए अधिक भुगतान करवाना चाहता है।”
ओवैसी ने अगले ट्वीट में कहा, “मौजूदा वक्त में गरीब परिवार रियायती दरों पर भुगतान कर रहे हैं और इसकी लागत की वसूली औद्योगिक/वाणिज्यिक उपयोक्ताओं से की जा रही है। अब बीजेपी चाहती है कि किसान, गरीब लोग और अन्य घरेलू उपयोक्ता भी बड़े कारोबारियों की तरह ही भुगतान करें।”
दरअसल, किसानों की चिंता सता रही है कि बिजली कानून में संशोधन के जरिये बिजली सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की योजना है। सरकार ने कहा कि संशोधन को लेकर किसानों की चिंता का कोई कारण नहीं है।
बिजली मंत्री आर के सिंह ने बताया, “बिजली संशोधन विधेयक को लेकर किसानों का डर निराधार है। बिल में किसानों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव का कोई प्रावधान या प्रस्ताव नहीं है। किसानों को अब की तरह मिल रही बिजली सब्सिडी मिलना जारी रहेगी।“