@विनोद भगत
इधर, साल 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं और उधर प्रदेश में भाजपा की चैंपियन प्रकरण से किरकिरी हो रही है। द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी के कथित यौन उत्पीड़न का मामला भी भाजपा के गले की हड्डी बनता दीख रहा है। फिलहाल, प्रचंड बहुमत की सरकार को कुछ सूझते नहीं बन रहा है। ऐसे में 2022 के चुनाव की वैतरणी कैसे पार लगेगी, इसकी चिंता भाजपा को खाए जा रही है। उधर आम आदमी पार्टी की जोरदार धमक ने भी बता दिया है कि इस बार राह कठिन है।
कहा जा रहा है कि उत्तराखंड की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से प्लानिंग शुरू कर दी है। जीतने वाले चेहरों पर भी मंथन चालू है। लेकिन सच ये है कि मोदी लहर के चलते प्रचंड बहुमत पा जाने वाली भाजपा की राह 2022 के चुनाव में आसान नहीं होगी।
केंद्र के तमाम दिग्गजों के विरोध के बावजूद चैंपियन की पार्टी में वापिसी की मजबूरी साफ संकेत है कि प्रदेश संगठन का फिर से जीतने का विश्वास डगमगा गया है। आम आदमी पार्टी की सत्तर सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद तो भाजपा को लगने लगा है कि प्रदेश में 2022 की राह आसान नहीं होने वाली।
इधर, उत्तराखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत का बयान भी कम चौंकाने वाला नहीं। उन्होंने कहा कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट नहीं मिलेंगे। उन्होंने पार्टी के सभी विधायकों और नेताओं को साफ भाषा में कहा है कि वे इस बार मोदी के नाम पर चुनाव नहीं जीत पाएंगे।
बंशीधर भगत ने कहा कि यदि कोई विधायक यह सोच रहा है कि वह सिर्फ मोदी लहर में जीत जाएगा तो वह गलतफहमी में है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी अपने कई मौजूदा विधायकों के टिकट भी काट सकती है। उन्होंने विधायकों को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि जिसकी परफॉर्मेंस खराब होगी, पार्टी उसका टिकट काटकर नए चेहरे को मैदान में उतारेगी।