@शब्द दूत ब्यूरो
काशीपुर। आरटीआई कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत की है कि उसके खिलाफ औषधि निरीक्षक द्वारा मांगी गई सूचनाओं को वापिस लेने व की गई शिकायतों की पैरवी नहीं करने के लिए डराया और धमकाया जा रहा है जिसकी वजह से उसे जान का खतरा है। आरटीआई कार्यकर्ता ने सुरक्षा की दृष्टि से नि:शुल्क सुरक्षा उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है।
कुन्डा थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम मिस्सरवाला निवासी आरटीआई व सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि उसके द्वारा मेडिकल स्टोरों से संचालित सूचना मांगी गयी थी। परंतु जब प्रार्थी को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई तो प्रार्थी के द्वारा प्रथम अपील की गई प्रथम अपील के उपरांत सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई तो प्रार्थी ने उत्तराखंड सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया जिसकी सुनवाई दिनांक 19 जून 2020 को राज्य सूचना आयुक्त जे .पी.ममगाईं उत्तराखंड सूचना आयोग के द्वारा की गई।
सूचना आयोग के द्वारा लोक सूचना अधिकारी औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया गया कि आदेश प्राप्ति के दो सप्ताह के अन्तर्गत अपीलकर्ता को उक्त सूचना नि:शुल्क उपलब्ध करा दी जाये। परन्तु औषधि निरीक्षक सुधीर कुमार के द्वारा सूचना देने के बजाय प्रार्थी को विभिन्न प्रकार से सूचना नहीं लेने के लिए दबाव बनाकर डराया एवं धमकाया जा रहा है। औषधि निरीक्षक द्वारा प्रार्थी को शुरू से ही सूचनाएं नहीं मांगने पर की गई शिकायतों को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाना एवं डराया धमकाया गया है। उत्तराखंड राज्य सूचना आयोग के सूचना उपलब्ध कराने के आदेश के उपरान्त से ओषधि निरीक्षक द्वारा असामाजिक तत्वों का सहारा भी लिया जा रहा है। जो कि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रार्थी के ऊपर सूचना एवं शिकायतों को वापस लेने व आगे से कोई भी कार्यवाही नहीं करने का दबाव बनाया व धमकाया जा रहा हैं जिससे प्रार्थी मानसिक रूप से परेशान है।
आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा यह भी कहा गया है कि उसको व उसके परिवार को कभी भी कोई भी जानी माली नुकसान होता है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी औषधि निरीक्षक सुधीर कुमार की होगी।