@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें यह मांग की गई थी कि संविधान में संशोधन करके ‘इंडिया’ शब्द को बदलकर ‘भारत’ किया जाये। साथ ही न्यायालय दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता को रिट याचिका की प्रतिलिपि संबंधित मंत्रालयों को प्रतिनिधित्व के रूप में भेजने का निर्देश दिया है, जो उचित रूप से इसका प्रतिनिधित्व तय करेंगे।
याचिकाकर्ता का कहना था कि इंडिया शब्द से गुलामी झलकती है और यह भारत की गुलामी की निशानी है। इसलिए इस शब्द की जगह भारत या हिंदुस्तान का इस्तेमाल होना चाहिए।
बीते रोज इस याचिका पर सुनवाई को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के अवकाश पर रहने के कारण मामले को स्थगित कर दिया गया था। इस याचिका में कहा गया था कि संविधान के पहले अनुच्छेद में लिखा है कि इंडिया यानी भारत। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि जब देश एक है तो उसके दो नाम क्यों है? एक ही नाम का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है? भारत या हिंदुस्तान हमारे गौरवशाली विराास के प्रतीक याचिका में बतायेे गये थे। याचिका में सरकार को संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन के लिए उचित कदम उठाते हुए ‘इंडिया’ शब्द को हटाकर, देश को ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ कहने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
दिल्ली निवासी द्वारा दायर इस याचिका में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि यह संशोधन इस देश के नागरिकों की औपनिवेशिक अतीत से मुक्ति सुनिश्चित करेगा। याचिका में 1948 में संविधान सभा में संविधान के तत्कालीन मसौदे के अनुच्छेद 1 पर हुई चर्चा का हवाला दिया गया था और कहा गया था कि उस समय देश का नाम ‘भारत’ या ‘हिंदुस्तान’ रखने की पुरजोर हिमायत की गई थी।