@शब्द दूत ब्यूरो (19 नवंबर 2025)
काशीपुर। “अगर आप कर्मों में विश्वास रखते हैं, तो इस जन्म में किसी और की किस्मत भी बदलकर जाइए”—इसी सोच के साथ डी बाली ग्रुप की डायरेक्टर उर्वशी बाली ने 50 बेसहारा और अनाथ बच्चों की पूरी ज़िम्मेदारी उठाई है। इन बच्चों के न सिर पर मां-बाप का साया है, न रहने का सुरक्षित ठिकाना। किसी को रास्तों पर छोड़ दिया गया, तो कोई मजबूरी में अपने घरों से दूर हो गया।
उर्वशी बाली के इस मानवीय प्रयास में डॉ. रवि सहोता, शांतनु चिकारा, जगमोहन (बंटी), रजनी ठाकुर, नीलम चोचान, रमा गर्ग, दीपक चतुर्वेदी, रॉयल पंजाबी ग्रुप, हिंदू वाहिनी संगठन, मिनी डेकोरेशन वाले चरनप्रीत, मोनालिसा ब्यूटी सैलून, संजीवनी हॉस्पिटल, राजीव चौधरी तथा यूएसआर स्कूल की टीम लगातार सहयोग दे रही है।
इन बच्चों के लिए विशेष शैक्षणिक और स्किल डेवलपमेंट क्लासेज भी शुरू की गई हैं, ताकि वे पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बन सकें। बच्चों को पढ़ाना, डांस, म्यूज़िक, कंप्यूटर, आर्ट, स्पोर्ट्स, हैंडराइटिंग या मोटिवेशन सिखाने वाले लोग आगे आकर अपने हुनर से इनका जीवन संवार सकते हैं।
उर्वशी बाली ने समाज की सक्षम संस्थाओं और नागरिकों से अपील की है कि वे सर्दियों में इन बच्चों की मदद के लिए 6 से 20 वर्ष तक के बच्चों के गर्म कपड़े, स्वेटर, जैकेट, जूते, जुराबें, कंबल, गर्म पानी की बोतल जैसी निष्प्रयोज्य सामग्री दान करें।
उन्होंने कहा कि “आपके घर की वह चीज़ जो आपके किसी काम की नहीं, वह इन मासूम बच्चों के लिए जीवनरक्षक साबित हो सकती है। आपका थोड़ा सा समय और छोटा सा योगदान किसी बच्चे की पूरी ज़िंदगी बदल सकता है।”
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