शिमला। मंडी संसदीय क्षेत्र में दो युवा प्रत्याशियों के बीच मुकाबले की संभावना है। भाजपा ने अभिनेत्री कंगना रनौत को टिकट दिया है, कांग्रेस का टिकट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को मिलने की संभावना है। विक्रमादित्य की भी युवा वर्ग में अच्छी पकड़ है। करीबी मुकाबला हो सकता है।
कंगना को टिकट दिया तो नाराज हो गए महेश्वर
कांग्रेस से विक्रमादित्य सिंह के चुनाव में उतरने की चर्चा के बीच भाजपा ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में विद्रोह करने वाले नेताओं की भाजपा में वापसी होगी।
हालांकि, ऐसा प्रदेशभर में किया जाना है, लेकिन शुरुआत मंडी संसंदीय क्षेत्र से की जा रही है। निर्दलीय चुनाव लड़ चुके नेताओं को पार्टी साथ जोड़ेगी। कंगना रनौत को टिकट देने से नाराज पूर्व लोकसभा सदस्य महेश्वर सिंह भी मान गए हैं।
दानवेंद्र सिंह बने भाजपा के पदाधिकारी
सोमवार को महेश्वर सिंह के बेटे दानवेंद्र सिंह को पार्टी का पदाधिकारी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि पूर्व सांसद के दूसरे बेटे हितेश्वर सिंह को भी पार्टी में लाया जाएगा। लाहुल स्पीति में विधानसभा उपचुनाव में टिकट न मिलने से नाराज पूर्व मंत्री रामलाल मार्कंडेय से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीब बिंदल ने बात की है।
मार्कंडेय कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं, लेकिन जिला कांग्रेस पदाधिकारियों के विरोध के कारण उन्हें टिकट मिलना मुश्किल है। आने वाले समय में भाजपा किन्नौर, आनी, सुंदरनगर, मंडी सदर, बंजार और कुल्लू से 2022 के चुनाव में विद्रोह कर निर्दलीय चुनाव लड़े सभी नेताओं की घर वापसी करवाई जाएगी।
भाजपा की हार का कारण थे विद्रोही
60 हजार से अधिक मत लिए मंडी संसदीय क्षेत्र में भाजपा से विद्रोह कर विधानसभा चुनाव में उतरे नेताओं ने 60 हजार से अधिक मत प्राप्त किए थे। इसमें से कुल्लू, किन्नौर में तो भाजपा प्रत्याशी की हार का कारण भी विद्रोही बने थे।
ऐसे में भाजपा लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसा जोखिम नहीं उठाना चाहती है। सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह चुनाव नहीं लड़े थे, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे।