नई दिल्ली। देश में टीका बनाने वाली प्रमुख कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने कहा है कि टीका विनिर्माताओं को खासकर किसी महामारी के दौर में उनके टीके को लेकर सभी प्रकार के कानूनी दावों से बचाया जाना चाहिए। पूनावाला ने कार्नेगी इंडिया के वैश्विक प्रौद्योगिकी सम्मेलन में कहा कि टीका विनिर्माता भारत सरकार के सामने यह बात रखने जा रहे है। उन्होंने कोविड-19 वायरस का टीका बनाने में आने वाली चुनौतियां भी गिनाईं।
उन्होंने कहा कि जब कुछ तुच्छ दावे किए जाने लगते हैं और मीडिया में बात का बतंगड़ बनाया जाने लगता है तो एक आशंका पैदा होती है कि ऐसा टीके के कारण हुआ ही होगा। इस आशंका को दूर करने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए और सही बात लोगों को बतानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘विनिर्माताओं, खास कर टीका विनिर्माताओं को सभी कानूनी दावों से बचाव के लिए सरकारी कवच मिलना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका में सरकार ने वास्तव में इस तरह के संरक्षण का प्रावधान कर भी दिया है।
बता दें कि सीरम ने पिछले महीने ही इस आरोप को खारिज किया कि कोविशील्ड टीका के परीक्षण में चेन्नई में 40 साल के एक व्यक्ति को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव झेलने पड़े। उस व्यक्ति ने टीके के असर से तंत्रिका तंत्र और स्मरण शक्ति को क्षति पहुंचने की शिकायत की थी। उसने कंपनी से पांच करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था।