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क्या होंगे अधिकार उत्तर प्रदेश में नई व्यवस्था में पुलिस कमिश्नर के

उत्तर प्रदेश में बदली पुलिस व्यवस्था पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेश शर्मा का विश्लेषण 

उत्तर प्रदेश में पुलिस व्यवस्था में योगी सरकार ने फेरबदल की शुरुआत कर दी। फिलहाल लखनऊ और नोएडा में इसे लागू किया गया है। यहाँ अब पुलिस कमिश्नर होंगे। निकट भविष्य में प्रयागराज वाराणसी सरीखे अन्य जिलों में भी इसे लागू किए जाने की योजना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने आज इसकी विधिवत घोषणा की। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे तथा नौएडा (गौतमबुद्ध नगर) का पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को बनाया गया है। 

नियुक्ति के साथ ही इनके कार्य और अधिकार भी तय कर दिये गये हैं। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 58 व अध्याय 8 (परिशांति कायम रखने के लिए और सदाचार के लिए प्रतिभूत) और अध्याय-10 (लोक व्यवस्था और शांति बनाए रखना) में परिभाषित कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की जाएंगी। उत्तर प्रदेश गुण्डा नियंत्रण अधिनियम, 1970 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 8 सन् 1971) के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। विष अधिनियम, 1919 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। पुलिस (द्रोह-उद्दीपन) अधिनियम, 1922 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। विस्फोटक अधिनियम, 1884 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। कारागार अधिनियम, 1894 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।विदेशी अधिनियम, 1946 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश अग्नि शमन सेवा अधिनियम, 1944 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2005 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।

सुजीत पाण्डेय मूल से भागलपुर बिहार के निवासी हैं। 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी सुजीत पाण्डेय सात वर्ष तक सीबीआई में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। इस दौरान उन्होंने मुम्बई के 26 नवंबर के बम ब्लास्ट में नदंडी ग्राम समेत अन्य जगह की कमान संभाली थी। वह उत्तर प्रदेश के एक दर्जन जिलों में बतौर एसपी, एसएसपी तथा डीआईजी के पद पर भी तैनात रहे हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश एसटीएफ में भी सेवा दे चुके हैं।

मेरठ में आईजी जोन के पद पर तैनात आलोक सिंह को गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर की कमान मिली है। उनका हाल ही में एडीजी रैंक पर प्रमोशन हुआ है। आलोक सिंह वर्तमान में मेरठ में एडीजी/आइजी के पद पर तैनात हैं और उनका जन्‍म स्‍थान अलीगढ़ है। आलोक सिंह 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

पुलिस कमिश्नर बनाए जाने के बाद आलोक सिंह ने बताया कि इससे पुलिस व्यवस्था में सुधार होगा। साथ ही पीड़ितों को न्याय में देरी नहीं होगी। उन्‍होंने बताया कि नई व्यवस्था में काफी नए प्रयोग किए जाएंगे, साइबर अपराध से लेकर लेकर पुलिस शांति भंग के मामले में भी आरोपितों को सीधे जेल भेजा जाएगा। आलोक सिंह का कार्यकाल मेरठ में भी काफी चर्चाओं में रहा। उन्होंने नकली पेट्रोल प्रकरण में अहम भूमिका निभाई। जिसमें शासन स्तर तक जांच बैठे गई थी। इसमें उच्च अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी। इस मामले में 11 लोगों को जेल भेजा गया था जबकि दो इस्पेक्टर नप गए।

 

 

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