लखनऊ। उत्तरप्रदेश में शासन ने पुलिस महकमे में भारी फेरबदल किया है। गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया है। वहीं 14 आईपीएस अधिकारियों का तबादला भी कर दिया है। नोएडा से सटे गाजियाबाद का चार्ज को कैलानिधि नैथानी को गया है, वो अभी तक लखनऊ के एसएसपी थे। जिन अधिकारियों के तबादले किए गए हैं उनमें गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर सिंह, रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा, सुल्तानपुर के एसपी हिमांशु कुमार शामिल हैं।
गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक पीटीएस उन्नाव शिवहरि मीणा को पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर बनाया गया है जबकि पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर हिमांशु कुमार को सेनानायक 28वीं वाहिनी पीएसी इटावा नियुक्त किया गया है। एसएसपी इटावा संतोष कुमार मिश्रा एसपी रामपुर तो एसपी रामपुर अजयपाल शर्मा को एसपी पीटीएस उन्नाव बनाया गया है। एसपी बाराबंकी आकाश तोमर को एसएसपी इटावा और एसपी गाजीपुर अरविन्द चतुर्वेदी को एसपी बाराबंकी बनाया गया है।
अन्य बदले गए अधिकारियों में एसपी झांसी ओम प्रकाश सिंह को एसपी गाजीपुर, सेनानायक 24वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद मुनिराज को एसएसपी झांसी, अपर पुलिस अधीक्षक कुशीनगर गौरव भंसवाल को एसपी हाथरस और एसपी हाथरस सिद्धार्थ शंकर मीणा को एसपी बांदा नियुक्त किया गया । एसपी बांदा गणेश प्रसाद साहा अब एसपी मानवाधिकार लखनऊ होंगे जबकि एसएसपी एटीएस लखनऊ राजीव नारायण मिश्रा सेनानायक 24वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद बनाये गये हैं।
इन तबादलों में गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण का निलंबन सरकार की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। सरकार ने एक महिला से चैट के वायरल वीडियो की गुजरात फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही कृष्ण को निलंबित कर दिया। प्रवक्ता ने बताया कि फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पायी गयी, जिसे कृष्ण ने फर्जी बताया था। फॉरेंसिक जांच में सामने आय़ा कि वीडियो ‘एडिटेड और मार्फ्ड’ नहीं था। सबसेखाखास बात यह है कि वैभव कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद ही प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच सौंपी गयी थी। जांच के दौरान आईजी ने वीडियो फॉरेंसिक लैब को भेजा था। कृष्ण ने संवाददाता सम्मेलन कर खुद ही जानकारी दी थी और शासन को भेजी गई एक गोपनीय रिपोर्ट लीक कर दी थी।
बताया जा रहा है कि अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किए जाने के कारण कृष्ण निलंबित कर दिया गया। साथ ही वैभव कृष्ण के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं । लखनऊ के एडीजी एसएन साबत जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे । प्रवक्ता ने बताया कि वैभव कृष्ण प्रकरण में आरोपों के दायरे में आए सभी पांच आईपीएस अधिकारियों को जिलों से हटाया गया है, ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें। इनकी जगह नए अधिकारियों को तैनाती दी गयी है। सभी को तत्काल ज्वाइनिंग के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है।
वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी एवं डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है जबकि दो सदस्य आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और एमडी जल निगम विकास गोठलवाल बनाए गए हैं । प्रवक्ता के अनुसार एसआईटी को पंद्रह दिनों के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए गए हैं । रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई होगी। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने भी पुलिस बल में ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार को लिखे गए कथित गोपनीय पत्र को लीक किए जाने को लेकर कृष्ण से स्पष्टीकरण मांगा है।
इस बीच, प्रवक्ता ने बताया कि इसी प्रकरण में दिवाकर खरे, निदेशक मीडिया, मुख्य सचिव को भी पद से हटाते हुए इन्हें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (मुख्यालय) / मंडलायुक्त कार्यालय लखनऊ से संबद्ध किया गया है। इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी नियमावली (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अंतर्गत आरोपपत्र निर्गत करते हुए विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई बिठाते हुए प्रकरण की जांच की जाएगी।