@शब्द दूत ब्यूरो (20 जनवरी 2025)
हल्द्वानी। उत्तराखंड में भाजपा के भीतरघातियों पर आर एस एस की कड़ी नजर है। वैसे तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चुनाव में सीधे नजर नहीं आता लेकिन हर हालात पर उसकी नजर बारीकी से लगी होती है। प्रदेश में चल रहे निकाय चुनाव में आर एस एस की अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी भूमिका है।
बीजेपी के नेताओं पर आर एस एस के अधिकारियों की सूक्ष्म दृष्टि है। इसमें यह देखा जा रहा है कि पार्टी के लिए काम कर रहा है कौन खुद /के लिए काम कर रहा है। भीतरघातियों की पहचान कर ली गई है।
वहीं जो बागी होकर पार्टी प्रत्याशियों के विरूद्ध चुनाव मैदान में हैं उन पर संघ की तीखी दृष्टि है। दरअसल आर एस एस उन कारणों को तलाश रहा है जिस कारण से यह बागी होने को मजबूर हुये हैं। वो कौन से कारण हैं जिसके चलते इन नेताओं को पार्टी के खिलाफ बगावत करनी पड़ी और उन्हें राष्ट्रीय विचारधारा से भी विमुख होना पड़ा।
सूत्र बताते है कि प्रत्याशियों के चयन को लेकर बीजेपी में खासे मतभेद उच्च स्तर से लेकर निचले स्तर तक सामने आए है जिसपर संघ खासा चिंतित दिखाई दे रहा है।ये भी जानकारी मिली है ,पार्टी स्तर पर हुए मशीवरा बैठकों के बावजूद टिकटों को बदला गया, जिससे कहीं कहीं बीजेपी को ही असहज होना पड़ा है।
संघ की पास अपनी रिपोर्ट होती है और वर्तमान में पार्टी के भीतर चल रहे अन्तर्द्वन्द से भी वो चिंता में है! संघ का ये मानना है कि एक स्वयंसेवक बनाने में उसे कितनी मेहनत करनी पड़ती है जब वो राजनीतिक क्षेत्र में जाता है तो संघ के संस्कार लेकर जाता है। ऐसे में वो बीजेपी से विमुख होता है तो संघ से भी दूरी बना लेता है।
संघ इस लिए इन निकाय चुनाव पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है, अब इनकी रिपोर्ट का क्या भविष्य में असर होगा ये तो समय ही बताएगा।