महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की जिद के चलते बहुमत के बावजूद एनडीए सरकार नहीं बना पाई। इसके बाद शिवसेना के एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की शर्त पर शिवसेना ने एनडीए से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है। शिवसेना के कोटे से केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बने अरविंद सावंत ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।
मोदी सरकार में भारी उद्योग मंत्री बनाए गए अरविंद सावंत ने ट्विटर के जरिये बीजेपी को निशाने पर लिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘शिवसेना का पक्ष सच्चाई का है। मैं दिल्ली की सरकार के बीच झूठ के माहौल में कैसे रह सकता हूं? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं।”
यह पहली बार नहीं है जब शिवसेना ने बीजेपी को आंखें दिखाई है। इससे पहले भी चुनाव में पहले और बाद में शिवसेना, बीजेपी को कड़वे घूंट पिलाती रही है। दोनों दलों ने 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और बीएमसी चुनाव भी अलग-अलग लड़े थे। हालांकि दोनों ने एक-दूसरे को सरकार गठन के लिए जरूरी समर्थन दिया था। इसके बाद विधानसभा में बीजेपी और बीएमसी में शिवसेना ‘सुप्रीम’ बनी थी।
बीजेपी ने 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने का फैसला लिया है। इसके बाद अब 56 सीटों वाली दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना राज्यपाल से मिलेगी। शिवसेना को एनसीपी (54) और कांग्रेस (44) का समर्थन मिलना लगभग तय है। ऐसे में ये तीनों मिलकर सरकार बना सकते हैं।