@शब्द दूत ब्यूरो (07 अगस्त 2024)
नयी दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में डिसक्वालीफाई होने के मामले में आज ससंद में हंगामे के बीच युवा मामले व खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बयान दिया। लोकसभा को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस ओलम्पिक में पहलवान विनेश फोगाट के प्रतियोगिता से बाहर होने के मामले में भारतीय ओलम्पिक संघ को जरूरी कार्रवाई के लिए कहा है।
इस मामले में जब संसद में हंगामा हुआ तो इसके बाद खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया को इस पर भारत सरकार और खेल मंत्रालय की ओर से सदन में दिये बयान में कहा कि आईओए की प्रमुख पीटी उषा पेरिस में ही हैं और प्रधानमंत्री ने उनसे खुद बात की है मांडविया ने कहा कि विनेश का वजन 50 किलोग्राम से 100 ग्राम अधिक पाया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारतीय ओलम्पिक संघ ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ से कड़ा विरोध भी दर्ज कराया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा भी पेरिस में हैं। प्रधानमंत्री ने स्वयं उनके साथ बातचीत करके उचित कार्रवाई के लिए उन्हें कहा है।’’ उन्होंने कहा कि विनेश मंगलवार को तीन मुकाबले जीतकर फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बनी थीं और जहां तक ओलम्पिक की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता का प्रश्न है तो भारत सरकार ने आवश्यकता के अनुसार विनेश की हरसंभव मदद की है।उन्होंने कहा कि विनेश के लिए विशेष स्टाफ नियुक्त किये गये हैं, जो अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। मंत्री के अनुसार उनके साथ हंगरी के विख्यात कोच वोलर आकोस और फीजियो अश्विनी पाटिल हमेशा रहते हैं।
मांडविया ने कहा कि विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों के लिए दी गयी वित्तीय सहायता के अलावा उन्हें रीहैब (स्वास्थ्य लाभ) प्रक्रिया के तहत आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए भी सहायता प्रदान की गयी है।उन्होंने कहा कि विनेश को पेरिस ओलंपिक के लिए कुल 70,45,775 रुपये की सहायता दी गयी है, जिनमें टार्गेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम में 53,35,746 रुपये और वार्षिक ट्रेनिंग एवं स्पर्धा कैलेण्डर में करीब 17.10 लाख रुपये शामिल हैं। मांडविया ने कहा कि 2020 के टोक्यो ओलम्पिक में भी उन्हें 1,13,98,224 रुपये की सहायता दी गयी थी। विनेश को महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाये जाने के कारण बुधवार को ओलम्पिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया। गौरतलब है कि विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था। सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था, लेकिन अब वह बिना किसी पदक के लौटेंगी।