@शब्द दूत ब्यूरो (23 जून 2024)
अयोध्या। आपकी भी इच्छा होगी कि अयोध्या में बने भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति के दर्शन कर माथे पर टीका लगाकर चरणामृत पीकर पूजा को विधि विधान से संपन्न करें। सनातन धर्म में भी यही परंपरा है। लेकिन अब आपकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पायेगी। क्योंकि श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने प्रभु श्री राम के दर्शन करने वालों के माथे पर तिलक और चरणामृत का प्रसाद देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राम मंदिर ट्रस्ट ने तत्काल प्रभाव से गर्भ गृह के पुजारी को ऐसा करने से रोक लगा दिया है अब पुजारी को मिलने वाली दक्षिण भी दान पेटी में रखी जाएगी। 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में बालक राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां देश विदेश से सनातन धर्म को मानने वालों का सैलाब उमड़ रहा है।
हर श्रद्धालु के मन में यह इच्छा होती है कि वह करीब से प्रभु राम का दर्शन करें पुजारी तक पहुंच सके और पुजारी उसको प्रभु राम का प्रसाद और चंदन लगा सके। लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट ने इन सभी चीजों पर अब प्रतिबंध लगा दिया है इतना ही नहीं भक्त जो पुजारी को दक्षिणा देते थे उसे पर भी अब रोक लगा दिया गया है।
ट्रस्ट का कहना है कि भक्त अब दान पत्र में ही दान करें। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि हर मंदिरों में भक्तों को चरणामृत और चंदन लगाया जाता है। रामानंदी शास्त्रों में वर्णन है कि राम नदी परंपरा के मंदिर में चरणमृत दिया जाए लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों को इसके लिए वंचित किया है। इसके साथ ही तिलक चंदन को भी बंद कर दिया गया है। अभी तक भक्तों को चंदन लगाया जाता था. भक्त प्रसन्न होते थे।