जोशीमठ । 45 साल बाद 9 अक्टूबर से देवरा यात्रा पर निकली मां अनुसूया की रथ डोली आज संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ में रात्रि विश्राम करेगी। माँ का मंदिर जिला मुख्यालय से 15 किमी आगे अनुसुया गेट मंडल से 5 किमी की पैदल चढ़ाई पर कर के आता है।
45 साल बाद सती मां अनुसूया की डोली गांवों, तीर्थों, प्रयागों व धामों के भ्रमण पर निकली है। केदारनाथ धाम के दर्शनों के बाद मां अनुसूया की डोली ने बदरी विशाल के दर्शन किए। इस दौरान देश-विदेश के यात्रियों को भी मां अनुसूया ने सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया। बदरीनाथ के दर्शन करने के बाद मां की डोली जहाँ जहाँ पहुंच रही हैं वहाँ ग्रामीणों ने गाजे-बाजों के साथ यात्रा का स्वागत किया। इस दौरान देवनृत्य का आयोजन भी किया गया।सभी जगह ग्रामीणों ने सती मां अनुसूया की पूजा-अर्चना की। इस दौरान भंडारा लगाकर जगह-जगह श्रद्धालुओं को प्रसाद भी वितरित किया गया।
आज मां की डोली रथ यात्रा देवरा पहुंची जहां देवरा समिति अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट, आचार्य बलिराम तिवारी, दुर्गाप्रसाद सेमवाल, सचिन सेमवाल, अंकित सेमवाल, विनोद राणा, प्रदीप सिंह विष्ट, प्रदीप सेमवाल,बिनोद सेमवाल एवं सेमवाल पुजारी सेवा समिति के अन्य पुजारी गण देवरायात्रा के साथ हैं। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने बताया कि माता अनुसूया के बदरी-केदार दर्शन- भ्रमण कार्यक्रम हेतु मंदिर समिति पूर्ण सहयोग कर रही है। मां अनुसूया देवी 9 गांवों की आराध्य देवी हैं। 9 गांव मंडल सिरोली बैरांगना कोटेश्वर बंणद्वारा अनुसुया कुनकुली भदाकोटी खुल्ला आदि है। भुवन चंद्र उनियाल धर्माधिकारी बद्री केदार मंदिर समिति के यहाँ माता का रात्रि विश्राम आज रात्रि विश्राम कर रही हैं।