@शब्द दूत ब्यूरो (08 मार्च 2024)
शिमला। राजधानी शिमला सहित जिला के ऊपरी क्षेत्रों में हुई बारिश व बर्फबारी सेब बागवानों के लिए राहत लेकर आई है।
बारिश बर्फबारी से आगामी सेब सीजन में अच्छी फसल की उम्मीद जग गई है। बागवानी विशेषज्ञ का कहना है कि शिमला जिला में 45 से 60 मिलीमीटर तक बारिश हो चुकी है। इससे बगीचों में पर्याप्त नमी मौजूद है। यह नमी अप्रैल महीने तक बरकरार रहेगी। वहीं अगर आने वाले दिनों और अधिक बारिश होती हैं, तो यह सोने पर सुहागा होगा।
अच्छा फूल मधुमक्खियों को करेगा आकर्षित
बागवानी विशेषज्ञ डॉ. जमीन में पर्याप्त नमी से अप्रैल माह में फूल खिलने की प्रक्रिया के दौरान यह नमी काफी काम आएगी। जमीन में अच्छी नमी होने से फूल अच्छी तरह से विकसित होगा। इससे पोलन और नेक्टर भी अच्छा विकसित होगा।
अच्छा फूूल मधुमक्खियों का आकर्षित करेगा। इससे परागण प्रक्रिया सही तरीके से होगी। परागण प्रक्रिया के सही होने से फलो की अच्छी सेटिंग होने की संभावना है। इससे आने वाले सेब सीजन में अच्छी फसल होने की संभावना है।
खाद डालने का सही समय
बागवानी विशेषज्ञ डॉ एसपी भारद्वाज का कहना है कि जिन बागवानों ने बागीचों में अभी तक खाद नहीं डाली है। वह अभी भी बागीचे में खाद डाल सकते हैं।
बागीचों में खाद डालने के लिए यह अच्छा समय है। उन्होंने बताया कि बड़े पौधों में बागवान बकरी के गोबर की खाद 5 किलो प्रति पौधा डाल सकते है। खाद तने से करीब 3 फूट की दूरी में फैलाकर डाली जानी चाहिए। इसके अलावा एनपीके यानि नाइट्रोजन, पोटाश और फासफोरस की खाद भी बागवान बागीचों में डाल सकते हैं।
चूल्हे की राख फायदेमंद
डा. एसपी भारद्वाज का कहना है कि बागीचों में गोबर की खाद डालने से तो बागवानों को फायदा होगा ही, लेकिन अगर आप तौलिए में चूल्हे की राख डालते हैं, तो इससे कई फायदे मिलेंगे। इससे जहां बागीचों में सेब को पौधों का नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े समाप्त होंगे, तो वहीं दूसरी ओर पौधों को पोषक तत्व मिलेंगे। उन्होंने बताया कि बागवान एक से 2 किलो राख प्रति पौधा बागीचों में डाल सकते हैं।