@शब्द दूत ब्यूरो (12 सितंबर, 2023)
वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में 18,341 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ियां सामने आई हैं। अधिकारियों की कारगुजारी से सरकार को 2297 करोड़ के राजस्व का सीधा नुकसान हुआ है। विधानसभा पटल पर रखी गई वित्तीय वर्ष 2021-22 की वार्षिक लेखा रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है।
ऊर्जा निगमों में सबसे ज्यादा 16,129 करोड़ की अनियमितताएं पकड़ीं गई हैं। डोईवाला चीनी मिल के विशेष ऑडिट में 1529. 98 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ियां पकड़ में आईं। मंडी समितियों में 409 करोड़, विश्वविद्यालयों में 134.32 करोड़, अशासकीय महाविद्यालयों में 79.68 लाख, जिला खनिज फाउंडेशन में 49.49 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ियां मिली।
इसी तरह विकास प्राधिकरणों में 12.23 करोड़, नगर निगमों में 32.40 करोड़, नगर पालिकाओं में 16.64 करोड़, नगर पंचायतों में 20.35 करोड़, जिला पंचायतों में 2.87 करोड़, परिवहन निगम में 3.58 करोड़ की गड़बड़ियां पाई गई।
इसके अलावा विभागों ने नियम विरुद्ध कार्यों से सरकार को 2297 करोड़ का चूना लगा दिया। विभागों की 5377.22 करोड़ रुपये की राशि अभी तक बकाया है, जिसकी वसूली नहीं की गई। 6016. 24 करोड़ रुपये खर्च करने में ऑडिट के नियमों का उल्लंघन किया गया है।