विनोद भगत
कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस गठबंधन की सरकार गिराने के बाद जश्न मनाने में मशगूल बी एस येदियुरप्पा के लिए पार्टी की नीति आड़े आ गई है। मुमकिन है कि कर्नाटक में भाजपा किसी और चेहरे की तलाश में जुट जाये और कर्नाटक को मिलने वाले मुख्यमंत्री का नाम अप्रत्याशित हो। दरअसल येदियुरप्पा 75 साल से ऊपर हैं। वहीं पार्टी खासतौर पर प्रधानमंत्री मोदी की नीति है कि 75 से ऊपर नेताओं को कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाये।यहां यह भी याद दिला दें कि येदियुरप्पा को भाजपा नहीं एक बार भ्रष्टाचार की वजह से पार्टी से निकाल दिया था। और उन्होंने नयी पार्टी गठित कर ली थी। ऐसे में में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने पर संदेश जायेगा कि भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा का रवैया सरकार गठन के मामले में कोई मायने नहीं रखता। दूसरी तरफ येदियुरप्पा के राज्य में जनाधार को देखते हुए भाजपा को खतरा है कि किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनाने पर एक बार फिर कर्नाटक में वही परिस्थितियां उत्पन्न हों जिसकी वजह से विश्वास मत के लिए जाना पड़े।
ऐसे में येदियुरप्पा के लिए मुख्यमंत्री बनने की राह मुश्किल है। यदि येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो अनेक ऐसे भाजपा नेता जो 75 से ऊपर हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की नीति की वजह से वह किसी पद पर नहीं है। कर्नाटक में सरकार गठन की दिशा में बुधवार को कोई पहल नहीं की गई, क्योंकि प्रदेश भाजपा को राज्य में वैकल्पिक सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व की हरी झंडी का इंतजार है। दो दिन गुजर जाने के बाद भी भाजपा ने अभी सरकार बनाने के लिए कोई दावा पेश नहीं किया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि विश्वास मत पर वोटिंग के लिए जल्दबाजी करने वाली भाजपा ने अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश क्यों नहीं किया?